नई दिल्ली। साइबर क्राइम और महिलाओं और बच्चों के यौन हिंसा के वीडियो इंटरनेट पर वायरल होने से रोकने के लिए एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 11 महीने के बाद भी एक्शन टेकेन रिपोर्ट न सौंपने केंद्र सरकार की खिंचाई की।
दरअसल केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील बाला सुब्रह्मण्यम से जब जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने पूछा कि आप पिछले ग्यारह महीने से क्या कर रहे थे। इस पर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि अधिकारी संसद में व्यस्त हैं।
इतना सुनते ही कोर्ट नाराज हो गई और कहा कि अगर संबंधित अधिकारी संसद में व्यस्त हैं तो हम यहां क्या कर रहे हैं? आप क्या समझते हैं कि हमारा यहां कोई काम नहीं है। ऐसा नहीं चलेगा।
कोर्ट एक एनजीओ प्रजावाला द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। सामाजिक कार्यकर्ता सुनीता कृष्णन ने कोर्ट के समक्ष रेप के सौ वीडियो सौंपे हैं जो इंटरनेट पर वायरल हो चुके हैं। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पिछले साल दिसंबर में सरकार से कार्रवाई करने और एक्शन टेकेन रिपोर्ट मांगी थी।