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Supreme Court orders attached of sahara's prime Aamby Valley property
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सहारा को बड़ा झटका, एंबी वैली को सुप्रीम कोर्ट ने अटैच किया

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सहारा को बड़ा झटका, एंबी वैली को सुप्रीम कोर्ट ने अटैच किया
Supreme Court orders attached of sahara's prime Aamby Valley property
Supreme Court orders attached of sahara's prime Aamby Valley property
Supreme Court orders attached of sahara’s prime Aamby Valley property

नई दिल्ली। सहारा समूह को सोमवार को बड़ा झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने समूह की प्रमुख संपत्ति एंबी वैली को अटैच करने का आदेश दिया है। मुंबई के समीप लोनावाला में स्थित एंबी वैली 39 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति बतायी जाती है। एंबी वैली कोर्ट के पास अटैच रहेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह से उन संपत्तियों की सूची मांगी है जिन पर कोई कर्ज या मुकदमा नहीं हो और जिन पर बाजार में नीलामी के लिए बोली लगाई जा सके। कोर्ट ने ये सूची बीस फरवरी तक मांगी है। मामले की अगली सुनवाई 27 फरवरी को होगी।

कोर्ट ने सुब्रत राय की पेरोल बढ़ाते हुए कहा कि जब तक सहारा समूह पैसे देता रहेगा सुब्रत राय जेल नहीं जाएंगे। आज सहारा समूह ने छह सौ करोड़ रुपए जमा किए। कोर्ट ने कहा कि पहले मूलधन देखेंगे उसके बाद ब्याज की बात करेंगे। सेबी ने कोर्ट को बताया कि अभी सहारा की ओर से 14,779 करोड़ रुपये बकाया हैं।

आपको बता दें कि पिछले 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर सहारा समूह 6 फरवरी तक सेबी को छह सौ करोड़ रुपए का भुगतान नहीं करता तो सुब्रत राय को फिर से जेल भेजा जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय को फटकार लगाते हुए कहा था कि कोर्ट ने आपको पैरोल इसलिए दी थी, ताकि आप अपनी मां के अंतिम संस्कार में शामिल हो सकें, और अब वह पूरा हो चुका है।

सुप्रीम कोर्ट र्में सहारा समूह ने कहा था कि नोटबंदी की वजह से वो सेबी को समय पर पैसे नहीं दे पाएगा क्योंकि नोटबंदी की वजह से रियल इस्टेट में मंदी आ गई है। मंदी की वजह से वो अपनी जमीनें नहीं बेच पा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सहारा समूह को पहले ही बहुत छूट मिल चुकी है। इतनी छूट किसी को नहीं मिली है। अब उसे कोई छूट नहीं मिलेगी और उसे पैसे न देने पर जेल जाना पड़ेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 28 नवंबर को जब आदेश दिए गए थे तब भी हालात ऐसे ही थे। आपको बता दें कि पूर्व चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर के रिटायर होने के बाद दूसरी बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है।

पहले जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी लेकिन अब जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रही है।