नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 2जी मामले पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया है कि अगर एयरसेल मैक्सिस के मालिक विशेष अदालत के सामने पेश नहीं होते हैं तो दो हफ्ते के अंदर उनका 2जी लाइसेंस रद्द कर दिया जाए।
कोर्ट ने एयरसेल को आवंटित 2-जी स्पेक्ट्रम किसी अन्य कंपनी को हस्तांतरित करने पर भी रोक लगा दी। चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि अगर समन की अनदेखी की जाती है तो उनका लाइसेंस रद्द कर दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वह इस फैसले को मलेशिया के दो अखबारों में छपवाए साथ ही दूरसंचार विभाग को निर्देश दिया कि वह दो हफ्ते में वैकल्पिक व्यवस्था करे ताकि उपभोक्ताओं को परेशानी न हो।
इस ग्रुप के मालिक और नियंत्रक टी. अनंत कृष्णन और डायरेक्टर राल्फ मार्शल हैं। याचिका सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने दायर की है।
सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि वह भारत की संपत्ति का इस्तेमाल करते हैं तो चाहे वे दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न रहते हों, उन्हें कोर्ट के समक्ष पेश होना ही होगा।
बता दें कि सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने मलेशिया के नागरिक अनंत कृष्णन को इस मामले में पिछले साल सितम्बर में वारंट जारी किया था। यह यूपीए-1 के समय 2004 से 2007 के दौरान संचार मंत्री रहे दयानिधि मारन द्वारा की गई गड़बड़ियों से संबंधित मामला है।
मारन पर आरोप है कि उन्होंने एयरसेल लिमिटेड को जरूरी मंजूरी देने में जानबूझकर देरी की और इसके पूर्व मालिक सी. शिवशंकरन को जबरन अपनी कंपनी मलेशिया की मैक्सिस कम्युनिकेशन को बेचने का दबाव डाला।
इसके बदले कृष्णन के ग्रुप वाली कंपनी ने मारन के भाई कलानिधि मारन की कंपनी सन ग्रुप में करीब सवा छह सौ करोड़ रुपए का निवेश किया। आरोप है कि जैसे ही शिवशंकरन ने अपनी हिस्सेदारी बेची, एयरसेल को तुरंत सभी जरूरी मंजूरियां सरकार से मिल गईं।