नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने संयुक्त मेडिकल प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) के अध्यादेश पर गर्मी की छुट्टी के दौरान सुनवाई करने से इनकार करते हुए कहा कि इस मामले को जुलाई में मुख्ख्य न्यायाधीश के समक्ष पेश किया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एनईईटी के अध्यादेश पर सुनवाई करने से मना करते हुए कहा कि एमबीबीएस, बीडीएस पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए राज्यों को परीक्षाएं आयोजित कराने की अनुमति देने वाले केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ याचिका पर अवकाशकाल में सुनवाई नहीं होगी। कोर्ट ने कहा है कि जुलाई में अदालत के कामकाज दोबारा शुरू होने तक इस मामले को लेकर छात्रों में कुछ सुनिश्चितता आएगी।
उल्लेखनीय है कि सभी राज्यों को इस साल अपने मेडिकल टेस्ट करवाने की अनुमति देने वाले केंद्र के अध्यादेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। व्यापम केस के व्हिसल ब्लोअर आनंद राय ने केंद्र द्वारा जारी अध्यादेश को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ बताते हुए इस पर स्टे लगाने की मांग की थी। केंद्र ने इस शैक्षणिक सत्र से सभी राज्यों के लिए एनईईटी लागू करने के खिलाफ अध्यादेश जारी किया था।
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि यह अध्यादेश केंद्र के उस पक्ष से बिल्कुल अलग है जिसमें सुप्रीम कोर्ट के सामने केंद्र सरकार ने देश भर में संयुक्त मेडिकल प्रवेश परीक्षा का समर्थन किया था। 24 मई को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देशभर में एनईईटी पर अध्यादेश को मंजूरी दी थी। जिसके तहत राज्यों के बोर्ड को एक साल तक एनईईटी से छूट मिल गई है।