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एंबी वैली की नीलामी रोकने की सहारा की याचिका खारिज - Sabguru News
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एंबी वैली की नीलामी रोकने की सहारा की याचिका खारिज

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एंबी वैली की नीलामी रोकने की सहारा की याचिका खारिज
Supreme Court refuses to stay auction of Sahara's Aamby Valley assets
Supreme Court refuses to stay auction of Sahara's Aamby Valley assets
Supreme Court refuses to stay auction of Sahara’s Aamby Valley assets

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को सहारा प्रमुख सुब्रत राय की एंबी वैली की नीलामी को स्थगित करने की याचिका खारिज कर दी।

एंबी वैली को बेचने के लिए 14 अगस्त को प्रकाशित की जानेवाली अधिसूचना को स्थगित करने की मांग को खारिज करते हुए न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने लिक्विडेटर को नीलामी की कार्रवाई जारी रखने का आदेश दिया है।

सहारा समूह ने अदालत से नीलामी रोकने और भुगतान योजना प्रस्तुत करने के लिए अधिक समय देने की मांग की थी।

शीर्ष अदालत ने 25 जुलाई को सुब्रत रॉय को 1,500 करोड़ रुपए जमा कराने का आदेश दिया था, जोकि 24,000 करोड़ रुपए की कुल रकम का एक हिस्सा है, जिसे सहारा समूह ने दो कंपनियों के माध्यम से निवेशकों से जमा किए थे।

अदालत ने 1,500 करोड़ रुपए को 7 सितंबर तक जमा कराने का आदेश देते हुए सहारा से कहा कि बाकी के भुगतान को 18 महीने में करने की ठोस योजना प्रस्तुत करें, जैसा कि उन्होंने खुद चाहा है।

अदालत ने कहा कि अगर सहारा की तरफ से 7 सितंबर तक वांछित रकम का भुगतान कर दिया जाता है, तो नीलामी की प्रक्रिया रोक दी जाएगी। सहारा को 7 सितंबर तक 1,500 करोड़ रुपए जमा कराने हैं, जिसमें 15 जून को जमा कराई गई पिछली किस्त की बकाया 305 करोड़ रुपए की रकम भी शामिल है।

शीर्ष अदालत ने 16 अप्रैल को बंबई उच्च न्यायालय के आधिकारिक लिक्विडेटर से सहारा समूह की एंबी वैली संपत्ति की कीमत का अनुमान लगाने और नीलामी करने को कहा था। लिक्विडेटर ने इस संपत्ति का बाजार मूल्य 37,390 करोड़ रुपए से लेकर 43,000 करोड़ रुपए होने का अनुमान लगाया है।

सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने 2007 और 2008 में वैकल्पिक रूप से पूरी तरह से परिवर्तनीय डिबेंचर के माध्यम से 24,000 करोड़ रुपए जुटाए थे। शीर्ष अदालत ने 2012 के 31 अगस्त को दिए गए अपने आदेश में सहारा को 15 प्रतिशत ब्याज के साथ यह रकम लौटाने का आदेश दिया था।

अदालत किश्तों में समूह से पैसा वसूल कर रही है। सहारा ने अभी तक 16,000 करोड़ रुपए का भुगतान किया है।