शिमला। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और आईपीएस एएन शर्मा मामले में राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले से जुड़ी प्रदेश सरकार की विशेष अनुमति याचिका को खारिज करते हुए हिमाचल हाई कोर्ट के फैसले का बरकरार रखा है।
जानकारी के अुनसार हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल तथा तीन वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ आईपीएस अधिकारी एएन शर्मा को पुनर्नियुक्ति के मामले में सरकार के बदलने के उपरांत जून, 2014 में एफआईआर दर्ज की थी।
पूर्व मुख्यमंत्री धूमल तथा तत्कालीन तीन वरिष्ठ अधिकारियों पर आरोप था कि उन्होंने आपराधिक षड्यंत्र तथा नियमों को दरकिनार करते हुए एएन शर्मा, जिन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति नवंबर, 2007 में मांगी थी, को जनवरी, 2008 में फिर से नियुक्ति दे दी थी।
प्रदेश सरकार ने एएन शर्मा को पुनर्नियुक्ति देने के मामले में जून 2014 में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल व तीन वरिष्ठ अधिकारियों एएन शर्मा, रवि ढींगरा व पीसी कपूर के खिलाफ एफआइआर दर्ज करवाई थी।
आरोप था कि तत्कालीन धूमल सरकार ने एएन शर्मा को अनुचित लाभ दिया। इस एफआईआर के खिलाफ प्रेम कुमार धूमल द्वारा हिमाचल उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी।
उच्च न्यायालय द्वारा दिसंबर, 2015 में एफआईआर को रद्द कर दिया गया था। इसके बाद हाई कोर्ट के निर्णय के खिलाफ हिमाचल प्रदेश सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, जिसे सर्वोच्च न्यायालय द्वारा शुक्रवार को खारिज कर दिया गया और हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा। पूर्व में यह मामला काफी सुर्खियां बटोर चुका है।