नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने जम्मू कश्मीर के हुर्रियत नेताओं को अलगाववादी कहने पर वकील मनोहर लाल शर्मा को फटकार लगाते हुए उनकी जनहित याचिका खारिज कर दी।
अदालत ने अपने आदेश में अलगाववादी शब्द इस्तेमाल करने के आग्रह को भी ठुकरा दिया। मनोहर लाल शर्मा ने हुर्रियत नेताओं के विदेश दौरों और अन्य खर्चों के लिए सरकारी सहायता मुहैया कराने पर रोक लगाने संबंधी जनहित याचिका दायर की थी।
अदालत ने कहा कि यह मामला पूरे तरीके से सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है अदालत केवल संवैधानिक मूल्यों के तहत स्वीकार्य मामलों में ही दखल दे सकती है।
मनोहर लाल शर्मा ने याचिका में आरोप लगाया था कि अलगाववादियों पर सरकार के सौ करोड़ रूपए से ज्यादा सालाना का खर्च होता है और वह इन पैसों का दुरुपयोग राष्ट्र विरोधी कार्यों के लिए करते हैं।