मुंबई। मुंबई हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाजी अली ट्रस्ट द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करते हुए कहा है कि जब एक स्थान पर पुरुषों को प्रवेश मिलता है तो महिलाओं को भी प्रवेश मिलना चाहिए।
प्रवेश न मिलने पर समस्याएं आ खडी होती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बांबे हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए ट्रस्ट को निर्देशित किया है कि अगली सुनवाई पर 17 अक्टूबर को ट्रस्ट उचित तैयारी और सिद्धांत के साथ सुप्रीम कोर्ट में आए।
गौरतलब है कि महिलाओं को हाजी अली दरगाह में जाने पर रोक लगी है। इस रोक को हटाने के लिए डॉ. नूरजहां मिर्जा ने बांबे हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी।
इस याचिका की सुनवाई करते हुए अगस्त माह में बांबे हाईकोर्ट ने महिलाओं के हाजीअली दरगाह में प्रवेश की अनुमति दे दी थी। इससे यह साफ हो गया था कि महिलाओं को मजार में जाने की अनुमति मिल गई है।
पर बांबे हाईकोर्ट ने अपने ही आदेश पर रोक लगा दिया, जिससे कि हाजीअली ट्रस्ट सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सके। महिलाओं को दरगाह में प्रवेश मिल सके, इसके लिए तृप्ति देसाई ने भी आंदोलन किया था।
बांबे हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए हाजीअली ट्रस्ट ने सुप्रीमकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए उपरोक्त आदेश दिया है।
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