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यूनिटेक को राहत, सुप्रीमकोर्ट ने अधिग्रहण पर रोक लगाई - Sabguru News
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यूनिटेक को राहत, सुप्रीमकोर्ट ने अधिग्रहण पर रोक लगाई

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यूनिटेक को राहत, सुप्रीमकोर्ट ने अधिग्रहण पर रोक लगाई
Supreme Court stays NCLT order on govt takeover Unitech
Supreme Court stays NCLT order on govt takeover Unitech
Supreme Court stays NCLT order on govt takeover Unitech

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक को बड़ी राहत देते हुए केंद्र सरकार द्वारा कंपनी का अधिग्रहण करने पर रोक लगा दी। शीर्ष अदालत ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसके तहत यूनिटेक के निदेशकों को बर्खास्त करने और केंद्र सरकार को उनके स्थान पर अपने निदेशक नियुक्त करने की अनुमति प्रदान की गई थी।

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायाधीश ए.एम. खानविलकर और न्यायाधीश डी.वाई.चंद्रचूड़ की पीठ ने एनसीएलटी के आठ दिसंबर के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें यूनिटेक के नौ निदेशकों को निलंबित कर दिया गया था और सरकार को अपने निदेशक नियुक्त करने की अनुमति दी गई थी।

सुनवाई के प्रारंभ में महान्यायवादी केके वेणुगोपाल ने इस बात पर अफसोस जताया कि सरकार ने मामले को शीर्ष अदालत में लाने से पहले ही न्यायाधिकरण का रुख कर लिया।

वेणुगोपाल के बयान के मद्देनजर प्रधान न्यायाधीश ने संक्षिप्त आदेश में कहा कि हम एनसीएलटी के आठ दिसंबर के आदेश पर रोक लगाते हैं।

यूनिटेक ने मंगलवार को शीर्ष अदालत को बताया था कि एनसीएलटी को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 30 अक्टूबर को दिए गए आदेश के मद्देनजर आठ दिसंबर का आदेश पारित नहीं कर सकता था। सर्वोच्च न्यायालय के 30 अक्टूबर के आदेश में कहा गया था कि यूनिटेक के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की जाएगी।

शीर्ष अदालत ने 30 अक्टूबर को यूनिटेक के प्रबंध निदेशक को जेल से रिहा होने की शर्त के तौर पर दिसंबर के अंत तक 750 करोड़ रुपए जमा करने के आदेश दिए थे।

कंपनी अधिनियम के धारा 241(2) के मुताबिक केंद्र सरकार को अगर लगता है कि कंपनी इस तरीके से काम कर रही है, जिससे सार्वजनिक हित का नुकसान हो रहा है तो वह इस धारा के तहत न्यायाधिकरण जा सकती है।

चंद्रा और उनके भाई अजय को अप्रेल में गिरफ्तार किया गया था। दोनों ने निवेशकों को कंपनी की परियोजनाओं में निवेश करने पर फ्लैट देने का वादा किया था, लेकिन ऐसा नहीं कर पाने पर निवेशकों की शिकायत पर दोनों को धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था।