नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राम मंदिर मुद्दे का दोनों पक्ष मिलकर कोर्ट के बाहर राम मंदिर करें। चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष इस मसले को जल्द सुनवाई के लिए बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा मेंशन करने पर कोर्ट ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत के जरिए कोई हल निकाला जाना चाहिए।
इसका सबसे बेहतरीन तरीका यही है। ये मसला भावनाओं से जुड़ा हुआ है। इसलिए इसका बातचीत के जरिए हर निकाला जाए तो ठीक रहेगा। दोनों पक्षों में समझौता कराने में कोर्ट मदद करेगी।
चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने कहा कि अगर दोनों पक्ष चाहें तो वे इस मामले में मध्यस्थता करने को तैयार हैं। सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि इस मसले पर कई दौर की वार्ता फेल हो चुकी है। दूसरा पक्ष राजी नहीं हो रहा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद ये मसला सुप्रीम कोर्ट में पिछले छह सालों से लंबित है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप दोनों पक्ष एक टेबल पर बैठिए और उसमें हल निकालिए। चीफ जस्टिस ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज को प्रधान मध्यस्थ बनाने को तैयार हैं। अगर आपकी मध्यस्थता फेल हो जाती है तब हम इस पर फैसला करेंगे।
दरअसल राम मंदिर मसले पर जल्द सुनवाई के लिए आज बीजेपी नेता और वकील सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मेंशन किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप दोनों पक्षों के बीच बातचीत में क्या हुआ ये हमें बताइए और इस मामले को 31 मार्च को मेंशन कीजिए हम उस पर सुनवाई करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट की पहल का केंद्रीय मंत्रियों के साथ संघ ने किया स्वागत
अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंगलवार को की गई टिप्पणी का केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा, केंद्रीय मंत्री पी पी चौधरी और केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने स्वागत किया है।
केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का कदम स्वागत के लायक है। यह मसला कोर्ट के बाहर भी सुलझाया जा सकता है। दूसरी ओर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ नेता दत्तात्रेय होसबोले ने न्यायालय की अयोध्या मुद्दे पर की गई पहल का स्वागत करते हुए कहा है कि सभी भारतीयों की हिस्सेदारी के साथ एक भव्य राम मंदिर का निर्माण जल्द होना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राम मंदिर संवेदनशील मुद्दा है और आवश्यकता पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट इसमें दखल दे सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राम मंदिर विवाद का हल आपसी सहमति से हो।
इससे पूर्व गृह मंत्रालय, भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस टिप्पणी का स्वागत करते हुए कहा है कि यह न्यायालय का एक सराहनीय कदम है। भारतीय जनता पार्टी इसका स्वागत करती है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने भी सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का स्वागत किया है।
दूसरी ओर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने राम मंदिर मसले पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद कहा है कि बातचीत के जरिए हल निकालने का समय अब बीत चुका है।