नई दिल्ली। कांग्रेस की गुजरात इकाई ने राज्य में आगामी राज्यसभा चुनाव में नोटा का विकल्प रखने के फैसले के खिलाफ बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय में गुहार लगाई।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मामले की तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष याचिका का जिक्र किया। न्यायाधीश मिश्रा ने गुरुवार को मामले की सुनवाई की अनुमति दे दी।
गुजरात कांग्रेस ने राज्य में आगामी चुनाव में नोटा का विकल्प रखने के निर्वाचन आयोग के फैसले को चुनौती देते हुए इससे संबंधित अधिसूचना पर रोक लगाने की मांग की।
कांग्रेस ने मंगलवार को निर्वाचन आयोग से मांग की थी कि आठ अगस्त को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए मतपत्रों में नोटा का विकल्प नहीं होना चाहिए।
कांग्रेस ने कहा कि राज्यसभा चुनाव के दौरान नोटा के विकल्प का प्रयोग संविधान, जन प्रतिनिधि अधिनियम, चुनाव नियमों के संचालन और सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों के विरुद्ध है।
निर्वाचन आयोग ने हालांकि कहा कि आयोग ने 2013 के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद स्पष्ट कर दिया था कि नोटा का विकल्प राज्यसभा चुनावों में मान्य होगा।