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supreme court verdict on lodha panel report
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अब बीसीसीआई में मंत्री-अफसर नहीं बन सकेंगे पदाधिकारी

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अब बीसीसीआई में मंत्री-अफसर नहीं बन सकेंगे पदाधिकारी
supreme court verdict on lodha panel report
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपने एक अहम फैसले में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में ढांचागत सुधारों को लेकर लोढा कमेटी की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है साथ ही बीसीसीआई को सिफारिशें लागू करने के निर्देश दे दिए हैं। लोढा कमेटी की सिफारिशों का विरोध कर रहे बीसीसीआई को यह फैसला आने से बड़ा झटका लगा है।

देश की सर्वोच्च अदालत ने साफ किया है कि सिफारिशों के अनुसार बीसीसीआई में कोई भी मंत्री शामिल नहीं होगा और किसी भी पद के लिए आयु सीमा 70 साल होगी। इसके अलावा एक राज्य एक वोट की सिफारिश को भी मंजूरी मिल गई है।

महाराष्ट्र राज्य में तीन क्रिकेट संघों के मामले में खास ध्यान देते हुए अदालत ने ‘रोटेशन’ आधार से प्रत्येक संघ को वोट देने की अनुमति दी है। जबकि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान बीसीसीआई ने वन स्टेट, वन वोट पॉलिसी का विरोध किया था।

इसके पीछे वजह बताई थी कि समय के साथ अलग-अलग राज्यों में कई संगठन बन गए हैं, अगर एक वोट का नियम लागू किया जाएगा तो बाकी संगठनों के साथ अन्याय होगा। इसके अलावा बोर्ड ने लोकपाल की नियुक्ति का भी विरोध किया था।

बोर्ड का कहना है कि लोकपाल को वोटिंग की शक्ति दिया जाना आईसीसी के नियमों का उल्लंघन होगा। गवर्निंग काउंसिल में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) का एक सदस्य शामिल होगा।

राज्यों में एक से ज्यादा क्रिकेट एसोसिएशन होने पर सभी को एक-एक बार वोट करने का मौका दिया जाएगा, यानी रोटेशन प्रक्रिया लागू होगी। इसी तरह सट्टेबाजी पर संसद को कानून बनाने के लिए कहा गया। साथ ही यह भी तय करने के लिए कहा गया कि बीसीसीआई कैसे आरटीआई के दायरे में आए। वहीँ विज्ञापन नीति का निर्णय भी बीसीसीआई को खुद करने को कहा गया।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद आईपीएल के अध्यक्ष राजीव शुक्ला ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि वह शीर्ष अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि हम देखते हैं कि लोढा कमेटी की सिफारिशों को लागू किया कर सकते हैं।

इससे पहले मुख्य न्यायाधीश टी. एस. ठाकुर और न्यायाधीश एफएमआई कलीफुल्ला की पीठ ने करीब दर्जन भर सुनवाई के बाद 30 जून को फैसला सुरक्षित कर लिया था।

इस साल मार्च में शुरू हुई सुनवाई के दौरान बीसीसीआई ने कमेटी की कुछ सिफारिशों को लागू करने पर ऐतराज जताया था जिनमें एक राज्य एक चोट, पदाधिकारियों पर उम्र और कार्यकाल की बंदिश और बोर्ड में कैग का नामित एक प्रतिनिधि होना शामिल है।

लोढा कमेटी ने 4 जनवरी को बीसीसीआई प्रशासन को बेहतर बाने के लिए कई बदलावों की सिफारिश की थी। इसमें मंत्रियों को पद लेने से रोकना, पदाधिकारियों के उम्र और कार्यकाल की सीमा तय करना और सट्टेबाजी को वैधानिक बनाना शामिल था।

कुछ राज्य क्रिकेट संघ, कीर्ति आजाद और बिशन सिंह बेदी जैसे पूर्व क्रिकेटर और क्रिकेट प्रशासकों ने लोढा कमेटी की सिफारिशें लागू करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।