नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस पार्टी को झटका देते हुए राज्य में सरकार गठन की मंजूरी दे दी हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य में यथास्थिति पर दिया अपना फैसला वापस ले लिया है।
शुक्रवार को दिए अपने एक अहम फैसले में उच्चतम न्यायालय ने अरुणाचल प्रदेश में नई सरकार गठन करने का आदेश दे दिया है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अरुणाचल प्रदेश से राष्ट्रपति शासन हटाने की सिफारिश को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने यह फैसला दिया है।
इससे पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में यथास्थिति कायम रखने का आदेश दिया था। कोर्ट ने सरकार गठन के फैसले पर कांग्रेस के चौदह अयोग्य ठहराए गए विधायकों से जुड़े रिकॉर्ड देख कर ही अगला आदेश देना का फैसला किया था।
गुरुवार को रिकॉर्ड उच्चतम न्यायालय के समक्ष रखा गया, जिसके बाद न्यायालय ने यथास्थिति का आदेश वापस ले लिया। उच्चतम न्यायालय के इस फैसले से यह साफ हो गया है कि राज्य में अगर सरकार बनाने की कोई कोशिश होती है तो ये चौदह विधायक भी उसमें हिस्सा ले सकेंगे।
जानकारी हो कि राज्य में गत वर्ष दिसम्बर माह में कांग्रेस के 47 विधायकों में से 21 (इनमें दो निर्दलीय) ने कांग्रेस के मुख्यमंत्री नबाम तुकी से अपना समर्थन वापस ले लिया था। बाद में पूर्व विधानसभा स्पीकर नबम रेबिया ने 14 विधायकों को अयोग्य करार दिया था।
जिससे कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई थी। इसके बाद 26 जनवरी को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया। अयोग्य ठहराए सदस्यों ने फैसले के विरोध में उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी।