नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को बीसीसीआई की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उस आदेश की समीक्षा करने को कहा गया था जिसके जरिये क्रिकेट बोर्ड प्रशासकों को आईपीएल और चैम्पियन्स लीग जैसी प्रतियोगिताओं में व्यावसायिक हित हासिल करने की स्वीकृति देेने से संबंधित विवादास्पद संशोधन को रद्द कर दिया गया था।
उच्चतम न्यायालय को अपने आदेश पर पुनर्विचार करने के लिए भारतीय क्रिकेट बोर्ड की यह याचिका विचार योग्य नहीं लगी। न्यायालय ने नियम 6.2.4 में संशोधन को ‘वास्तविक खलनायक’ बताया था जिसके कारण आईपीएल प्रारूप में प्रशासक की जिम्मेदारी और व्यावसायिक हितों में हितों टकराव हो रहा था।
न्यायाधीश टीएस ठाकुर और न्यााधीश एमआई कलीफुल्ला की पीठ ने कहा कि हमने समीक्षा की अपील के समर्थन में पेश किए गए आधार पर गौर किया। हमें ऐसी कोई गलती नजर नहीं आई जिसके कारण 22 जनवरी 2015 के आदेश पर दोबारा गौर करने की जरूरत हो।