सूरत। पीपी सवाणी ग्रुप के महेश सवाणी ३० नवम्बर को १११ और बेटियों का कन्यादान करेंगे। उनका लक्ष्य कम से कम १००१ बेटियों के हाथ पीले करने का है। इस आयोजन के बाद वे २५१ बेटियों के पिता बनने का सौभाग्य हासिल कर लेंगे।
पीपी सवाणी ग्रुप आयोजित लागणीना वावेतर में इस बार एक साथ १११ युगल विवाह बंधन में बंधेंगे। मोटा वराछा-अब्रामा रोड स्थित पीपी सवाणी चैतन्य विद्यासंकुल स्कूल कैम्पस में होने वाले सभी कन्याओं का कन्यादान सवाणी ग्रुप के महेश सवाणी करेंगे।
बुधवार को संवाददाताओं को जानकारी देते हुए महेश ने बताया कि उनका लक्ष्य १००१ बेटियों के कन्यादान करने का है। जिन बेटियों के सिर से पिता का साया उठ चुका हो, ऐसी कन्याओं का पिता बनने का अहसास उन्हें ऊर्जा से भर देता है। उन्होंने वर्ष २००८ में पहली बार दो बेटियों का कन्यादान किया था। उसके बाद से शुरू हुआ सिलसिला ऐसा चला कि ३० नवम्बर को यह आंकड़ा २५१ तक पहुंच जाएगा। इस बार के आयोजन में १११ में से सात बेटियां ऐसी हैं जिनके लिए दामाद खोजने का काम भी उन्होंने खुद किया है। उन्होंने बताया कि यह आयोजन पीपी सवाणी जी की पुण्यतिथि के मौके पर किया जा रहा है। विवाह समारोह की रस्में सुबह साढ़े सात बजे से शुरू होंगी और कार्यक्रम रात नौ बजे तक सम्पन्न होगा।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री आनंदी पटेल, प्रदेश भाजपा प्रमुख आरसी फलदू, झारखंड के डीजीपी रावजी कुमार, धर्मानंद डायमंड के लालजी पटेल, समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहेंगे। डॉ. दीपक राजगुरु ने सवाणी संस्था की ओर से संचालित सामाजिक गतिविधियों और कानजी भाई ने आयोजन की जानकारी दी।
तीन धर्मों की बेटियां होंगी विदा
सामूहिक विवाह के बाद विदा होने वाली बेटियों में तीन धर्मों का सहभाग रहेगा। विवाह बंधन में बंधने वाली १११ बेटियों में तीन मुस्लिम बेटियां हैं जो मुस्लिम रीति के मुताबिक निकाह करेंगी। इसके अलावा एक बेटी जैन परिवार से है और शेष १०७ बेटियां हिंदू रीति के मुताबिक विवाह करेंगी। इस मायने में यह आयोजन साम्प्रदायिक सद्भाव की मिसाल बनेगा।
तीन निकाह और दो फूलहार विवाह
आयोजन के दौरान तीन बेटियों के निकाह की भी व्यवस्था की गई है। इसके लिए दो काजी मौजूद रहेंगे जो बारी-बारी से तीनों बेटियों का निकाह पढ़वाएंगे। इसके अलावा दो विवाह ऐसे भी होंगे जिनमें किसी तरह का आडम्बर नहीं होगा। फूलहार पहना कर ही सम्पन्न होने वाली विवाह रस्म के लिए विशेष मंच बनाया गया है। दोनों बेटियां सोनल और काजल इस आयोजन का विशेष आकर्षण होंगी।
बनेंगे १०६ मंडप
निकाह और फूलहार विवाह के बाद शेष १०६ बेटियों के लिए अलग-अलग १०६ मंडपों की व्यवस्था रहेगी। पूर्व में इसी तरह के आयोजन में विवाह कर चुकी महेश सवाणी की दो-दो बेटियां विवाह रस्म के दौरान मंडप में मौजूद रहेंगी।
भोजन और पार्किंग की व्यवस्था
आयोजन के दौरान आने वाले मेहमानों की आवभगत की जिम्मेदारी संस्था से जुड़े लोगों को सौंपी गई है। सवाणी समूह परिवार के स्वयंसेवक ही मेहमानों के भोजन और उनके वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था संभालेंगे।
एक साथ पांच सौ बेटियां बनेंगी मेहंदी रस्म की साक्षी
पीपी सवाणी समूह आयोजित १११ युगलों के सामूहिक विवाह समारोह को भव्य बनाने के लिए सवाणी ग्रुप कोई कसर बाकी नहीं छोडऩा चाहता। आयोजन को गिनीज बुक ऑफ रेकार्ड में दर्ज कराने के लिए मेहंदी रस्म और सफाई अभियान पर फोकस किया गया है। आयोजन पर नजर रखने के लिए समारोह के दौरान गिनीज बुक के प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे।
महेश सवाणी ने बताया कि विवाह आयोजन से पूर्व २८ नवम्बर को मेंहदी की रस्म निभाई जाएगी। मोटा वराछा में सायण-गोथाण रोड स्थित लक्ष्मीबा फार्म में सुबह साढ़े दस बजे से शाम सात बजे तक चलने वली मेहंदी रस्म में एक साथ पांच सौ से अधिक बेटियां और महिलाएं मेहंदी रचाएंगी। यदि ऐसा होता है तो यह विश्व रेकार्ड होगा कि इतनी बड़ी संख्या में एक साथ मेहंदी की रस्म हो पाए। अब तक यह रेकर्ड ढाई सौ महिलाओं के एक साथ मेहंदी रचाने का है।
इसके अलावा विवाह समारोह के दौरान सफाई व्यवस्था बनाए रखने में भी वल्र्ड रेकर्ड अपने नाम करने की तैयारी है। इसके लिए मोटा वराछा-अब्रामा रोड स्थित सवाणी फार्म में विवाह समारोह के दौरान सफाई अभियान में जुटने वाले कार्यकर्ताओं की गिनती की जाएगी। इसके लिए सुबह पौने नौ बजे से साढ़े दस बजे के बीच गिनीज बुक के प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे। इसके परिणाम का ऐलान ३० नवम्बर को विवाह समारोह के दौरान सफाई व्यवस्था का जायजा लेने के बाद किया जाएगा। अब तक किसी सार्वजनिक समारोह में सफाई बनाए रखने के लिए वल्र्ड रेकार्ड चीन के नाम है।
चांदी से तुलेंगी आनंदी-ऋतंभरा
कार्यक्रम के मुख्यमंत्री आनंदी पटेल व साध्वी ऋतंभरा को चांदी में तौला जाएगा। उनके वजन के बराबर की चांदी के मूल्य की राशि का चेक मुख्यमंत्री व साध्वी को सौंपा जाएगा। महेश सवाणी ने बताया कि मुख्यमंत्री को सौंपी जा रही राशि से कन्याओं के लिए शौचालय व अन्य व्यवस्था बनाई जाएगी। साध्वी ऋतंभरा को सौंपी जा रही राशि भी बेटियों के हित में ही खर्च होगी।