सूरत। द सदर्न गुजरात चैम्बर ऑफ कामर्स की रिटेल ट्रेड कमेटी और कान्फडेरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने गुरुवार को ऑन लाइन रिटेल ट्रेड पर अंकुश लगाने की मांग को लेकर कलक्टर डॉ. राजेन्द्र कुमार को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में ऑन लाइन ट्रेड के कारण ग्राहक सुरक्षा के सामने आने वाली चुनौतियों का जिक्र किया गया है।…
ज्ञापन में कारोबारियों ने आशंका जताई कि ऑनलाइन ट्रेड से देश के गांवों और छोटे शहरों में फैले छोटे और मध्यम श्रेणी के करोड़ों रिटेलरों के रोजगार पर असर होगा। कम भाव के कारण रिटेलर कारोबार सीमित लोगों के पास सिमटने का खतरा पैदा हुआ है। कैश ऑन डिलीवरी की वजह से राज्य सरकारों की वैट की आवक पर असर पड़ेगा।
ज्ञापन में बताया गया कि ऑनलाइन ट्रेडर्स कंपनी के ऑथोराइज्ड या इन्वेटरी होल्डर्स नहीं होने से इनकी ओर से बेचे गए सामान की गारंटी के संबंध में स्पष्टता नहीं होती, इससे ग्राहकों के ठगे जाने का खतरा भी पैदा हुआ है। इसके अलावा इस प्रकार के कारोबार से काले धन की समस्या भी जोर पकड़ सकती है, आयकर विभाग को इसकी जांच में मुश्किल पैदा होगी।
चैम्बर पदाधिकारियों ने इस तरह के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए सरकार को ई-कॉमर्स के नियम-कानून बनाने के लिए कमेटी बनाने के साथ सर्विस टैक्स लगाने, शेयर बाजार में ऑनलाइन ट्रेडर्स आईपी नहीं लाने देने, कैश ऑन डिलीवरी पर रोक लगाने और बेचे गए सामान की गारंटी
सुनिश्चित करने की मांग की है।