सूरत। रियल एस्टेट में कपड़ा व्यापारियों के निवेश ने कपड़ा बाजार की हालत खराब कर दी है। सूरत में कपड़ों की खरीद के लिए आने वाले व्यापारी भी बड़े पैमाने पर सूरत के रियल एस्टेट में निवेश कर रहे हैं। वे यहां के व्यापारियों का पैमेन्ट रोक कर बुकिंग को प्राधान्यता दे रहे हैं। परिणाम यह है कि सूरत का कपड़ा बाजार आर्थिक संकट में फंस गया है।
सूरत का कपड़ा बाजार इन दिनों दोहरी मार का सामना कर रहा है। अन्य राज्यों से लगातार घट रही फिनिश्ड कपड़ों की मांग के कारण व्यापारी पहले से ही परेशान हैं ऐसे में जल्दी से जल्दी रुपए कमा लेने की लालच में रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश की लालच ने रही सही कसर भी पूरी कर दी।
सूरत में देश के सभी राज्यों से व्यापारी खरीद के लिए आते हैं। इन दिनों सूरत के हर क्षेत्र में मार्केट और लक्जीरीयस फ्लैट, शॉप आदि के प्रोजेक्ट चल रहे हैं। सूरत भारत के अग्रणी शहरों में से एक है। यह देखकर अन्य राज्यों के व्यापारी भी सूरत में निवेश के लिए उत्सुक हैं।
अब तक अन्य राज्यों के व्यापारी सूरत आने के बाद पहले कपड़ा दलाल के माध्यम से कपड़ा खरीद के लिए कपड़ा मार्केट में आते थे, लेकिन अब वे पहले रियल एस्टेट दलाल को फोन कर नई साइट दिखाने के लिए कहते हैं। प्रोजेक्ट पसंद आने पर हांथो-हाथ डाउन पैमेन्ट कर बुङ्क्षकग कर लेते हैं। इस तरह से बड़ी संख्या में अन्य राज्यों के व्यापारियों ने सूरत के प्रोजेक्ट में निवेश किया है।
जो रुपए पैमेन्ट के तौर पर सूरत के व्यापारी को देने थे वह तो निवेश कर दिए और सूरत के व्यापारी को मंदी या माल नहीं बिकने का कारण बता दिया। यहां का व्यापारी भी उसे लाचारीवश कुछ बोल नहीं पाता। इस तरह तीन-चार महीने तक वह पैमेन्टट नहीं भी करता और दबाव डालने पर थोड़ी रकम दे देता है। इस तरह पूरा बाजार आर्थिक तरलता की कमी से परेशान हो गया है।