सूरत। पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा में चौक बाजार के पुलिस कान्स्टेबल दिलीप राठवा की हुई हत्या के मामले में गिरफ्तार चार आरोपियों की नियमित जमानत याचिका शुक्रवार को अतिरिक्त सेशन जज एएम शेख ने मंजूर करते हुए उन्हें सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान 25 अगस्त को अहमदाबाद में रैली का आयोजन किया गया था। आयोजन के दौरान समिति के समन्वयक हार्दिक पटेल को हिरासत में लेेने के बाद अहमदाबाद समेत राज्य में हिंसा भड़क उठी।
सूरत में भी पाटीदार बाहूल्य इलाकों में हिंसा भड़की थी। हिंसा के दौरान वेडरोड डभोली क्षेत्र में तैनात चौक बाजार थाने के कान्स्टेबल दिलीप राठवा पर उपद्रवियों ने हमला कर दिया था। गंभीर रूप से घायल दिलीप राठवा की अस्पताल में मौत हो गई थी।
घटना को लेकर चौक बाजार पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। जांच के दौरान पुलिस ने शर्मिल लाखाणी, चिराग लिबाचिया, नयन भडीयादरा, विजय हाडा और नैमेष रामाणी को गिरफ्तार कर लिया था।
इनमें से शर्मिल लाखाणी को उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद अन्य चार अभियुक्तों ने भी अधिवक्ता नितिन चोडवडिय़ा और अमित लाठिया के जरिए याचिका दायर कर पैरीटी के ग्राउन्ड पर जमानत पर रिहा करने की मांग की थी।
शुक्रवार को अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने चारों की याचिका मंजूर करते हुए दस-दस हजार रुपए के निजी मुचलके पर सशर्त जमानत पर उन्हें रिहा करने का आदेश दिया।