सूरत/ग्वालियर। जैन मुनि के 19 साल की लडक़ी से रेप करने के मामले में नया खुलासा हुआ है। जब लडक़ी मुनि के उपाश्रय (कमरा) से बाहर निकली तो उसकी हालत खराब थी। माता-पिता ने बेटी की हालत देख उससे तबीयत के बारे में पूछा तो उसने जैन मुनि के डर के मारे सिर्फ ये कहा कि कुछ नहीं हुआ। दरअसल, लडक़ी मुनि के चमत्कार देख चुकी थी और मुनि ने उसके मम्मी-पापा की मौत हो जाने का कहकर डरा दिया था।
ग्वालियर के जैन समाज से मिली जानकारी के अनुसार पीडि़त परिवार हमेशा से समाज सेवा में आगे रहा है। इन लोगों ने सात महीने पहले ही मुनि शांतिसागर से दीक्षा ली थी। यहां उनकी कई धर्मशालाएं और होटल हैं। परिवार का सबसे छोटा बेटा अलग कारोबार जमाने गुजरात के बड़ोदा में करीब 3 साल पहले ही शिफ्ट हुआ था।
बीते साल बच्चों को भी वहीं एडमिशन दिला दिया था। ग्वालियर के कारोबारी जैन परिवार का शहर में कुछ होटल और लॉजिंग का कारोबार है। तीन भाइयों के परिवार का सबसे छोटा भाई करीब 3 साल पहले ग्वालियर से बड़ोदा गया और वहीं अपना कारोबार जमा लिया। बीते साल वह अपने परिवार को भी बड़ोदा ले गया। सबसे बड़ी बेटी का बड़ोदा के ही एक कॉलेज में एडमिशन करा दिया।
धार्मिक आस्थाओं वाला जैन परिवार सूरत के नानपुर टीमलियावाड जैन मंदिर में मुनि शांतिसागर की सेवा में पहुंचा था। दिन भर के अनुष्ठानों के दौरान जैन मुनि ने पत्थरों का पानी पर तैराने का चमत्कार दिखा कर सबको प्रभावित कर दिया। उसी शाम परिवार ने 19 साल की बेटी को मुनि का आशीर्वाद लेने भेजा तो उन्होंने उसे रात को उपाश्रय के लिए बुला लिया, और कहा कि इस दौरान मंत्र जाप कराएंगे।
इस दौरान परिवार के जाने के बाद मुनि ने लडक़ी को रोक लिया और उसके साथ रेप किया। मुनि ने उसे धमकी भी दी कि अगर उसने ये बात किसी को बताई तो व परिवार का अमंगल करा देंगे। लडक़ी जब लौटी तो उसकी मनोस्थिति देख परिवार को चिंता हुई, लेकिन भी मुनि के चमत्कारों और परिवार के अमंगल की आशंका से डरी सहमी लडक़ी ने कुछ नहीं बताया। इसके बाद परिवार बड़ोदरा लौट आया।
बड़ोदरा पहुंच कर रेप पीडि़त लडक़ी ने आखिरकार हिम्मत जुटाई और सूरत के पुलिस कमिश्नर सतीश शर्मा को पत्र भेज कर मुनि की शिकायत की। कमिश्नर के आदेश पर मेडिकल जांच कराई और रेप की पुष्टि होने पर आठवा पुलिस थाने में मुनि शांति सागर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। पुलिस ने मुनि को गिरफ्तार कर लिया।
सात महीने पहले ही शांति सागर से ली थी दीक्षा
शांतिसागर ने सूरत के परवट पाटिया क्षेत्र मॉडल टाउनशिप के पास एक आयोजन में 7.77 करोड़ से ज्यादा मंत्रों का जाप करवाया था। इस दौरान मुनि ने इसी मंच से भक्तों के सामने एक पत्थर पर कलावा बांधकर पानी में छोड़ा। ये पत्थर डूबने की बजाय तैरने लगा जिसे देख मौजूद लोग हैरान रह गए।
पीडि़त लडक़ी के माता-पिता करीब 7 महीने पहले ही शांतिसागर के संपर्क में आए थे। मार्च 2017 में शांतिसागर को गुरु बनाया था। रेप के हादसे के दिन माता-पिता अपनी बेटी को मुनि से आशीर्वाद दिलाने के लिए गए थे, जहां वह पहली बार आचार्य से मिली थी।
स्थानीय दिगंबर जैन समाज ने बताया साजिश
घटना को स्थानीय दिगंबर जैन समाज ने झूठी बताया है। मुनि के समर्थन में लोग पुलिस कमिश्नर से मिलने पहुंचे और कहा कि जैन समाज को बदनाम करने के लिए लडक़ी झूठा आरोप लगा रही है। समाज के प्रतिनिधियों ने मामले की न्यायिक जांच की मांग की है।
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