सूरत। गणगौर एक्सप्रेस में 30 नवबर को सूरत निवासी और कपड़ा व्यवसायी के ५० लाख के गहनों वाला बैग चोरी करने वाले चोर को सूरत रेलवे एलसीबी पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। पुलिस ने उसके पास 42.75 लाख के गहने बरामद किए है। आरोपी को कोर्ट में पेश कर एक फरवरी तक का रिमांड लिया है।
रेलवे पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार महिधरपुरा झांपा बाजार हैदरअली कासम स्ट्रीट निवासी मुरली मनोहर बनबिहारी गोयल 30 नवबर को जयपुर से १२९५६ जयपुर-मुबई सेंट्रल गणगौर एक्सप्रेस में द्वितीय श्रेणी वातानुकूलित शयनयान के कोच संया ए-1 में सफर कर रहे थे। सूरत पहुंचने पर उनको पता चला कि उनका गहनों से भरा बैग चोरी हो गया है।
उन्होंने गहने के बारे में सूरत रेलवे पुलिस को जानकारी दी। जिसके बाद इंचार्ज पुलिस निरीक्षक एमआर मलेक ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। मलेक ने इस चोरी में सांसी गिरोह का हाथ होने की आशंका के चलते आरोपियों की तलाश के लिए एक टीम हरियाणा के रोहतक हिस्सार भेजी थी। वहां से एक संदिग्ध आरोपी को साथ में लाने के दौरान ग्रामीणों ने रेलवे पुलिस पर हमला कर दिया था। जिसमें रेलवे पुलिस के एएसआई विजय सिंह को पैर में गोली भी लगी थी।
रेलवे पुलिस की टीम ने स्थानीय पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। इसके बाद स्थानीय पुलिस ने सत्तार नामक आरोपी को दबोच लिया था। रेलवे पुलिस की टीम दोबारा हरियाणा गई और ट्रांसफर वारंट के आधार पर सत्तार को सूरत ले आई। कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए नौ दिन का रिमांड भी लिया था। लेकिन सत्तार ने इस चोरी को कबूल नहीं किया। इसके बाद रेलवे पुलिस उसे हरियाणा जाकर कोर्ट को सौंप आई।
सूरत रेलवे एलसीबी पीआई केडी राठौड़ को 26 जनवरी को सूचना मिली की पचास लाख की चोरी करने वाला आरोपी गांधीधाम-बैंगलोर एक्सप्रेस में सफर कर रहा है। पीएसआई युसी मार्कण्डे ने पुलिस कांस्टेबल विक्रम सिंह, हरपालसिंह समेत अन्य लोगों ने ट्रेन से चोर को गिरफ्तार कर लिया। उसका नाम जोगीन्दर जगदीश सांसी (२७) है। वह हरियाणा रोहतक का निवासी है। पुलिस ने उसके पास 42.75 लाख रुपए के गहने भी बरामद किए है।
रेलवे एलसीबी ने आरोपी को कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड की थी। यहां से कोर्ट ने आरोपी को एक फरवरी तक के लिए पुलिस रिमांड पर भेजा है। पुलिस ने बताया कि जोगीन्दर के अलावा चार साथी और है जो इस चोरी में शामिल हैं। उनकी तलाश जारी है।
मुबई जा रहे था बेचने
रेलवे एलसीबी पुलिस ने बताया कि पचास लाख के गहने चोरी करने बाद जोगीन्दर सांसी गांव चला गया था। इसके बाद उसने स्थानीय बाजार में गहने बेचने की कोशिश की। लेकिन यह गहने हीरा जड़ीत थे और दिखने में मामूली लग रहे थे। अच्छी कीमत नहीं मिलने के कारण जोगीन्दर यह गहने मुबई के बाजार में बेचने के लिए गांधीधाम-बैंगलोर एक्सप्रेस में मुबई जाते हुए बीच रास्ते में ही पकड़ा गया।
ऐसे करते है सांसी गिरोह चोरी
यह सांसी गिरोह के सदस्य अधिकतर ट्रेनों के एसी कोच में सफर करने वाले यात्रियों का सामान चोरी करते है। गिरोह के लोग कन्फर्म सीट पर यात्रा करते है जिसके चलते अन्य यात्रियों को इन पर संदेह नहीं होता है। रनिंंग ट्रेन में स्टेशन आने से पहले जब यात्री अपना सामान लेकर गेट के पास रखते हैं तभी इस गिरोह के सदस्य सामान के आसपास घेरा बनाकर खड़े हो जाते है। इसी दौरान नजर बचाकर चोर बैग की चैन खोल कीमती गहने निकाल लेते है। फिर से बैग (चैन) बंद भी कर देते है। यात्री जब घर पहुंचता है तब उसे चोरी की घटना का पता चलता है।