सूरत। सूरत रेलवे स्टेशन अधीक्षक को कार पार्किंग ठेकेदार के मैनेजर से दो हजार रुपए लेने के प्रकरण में मुबई मंडल ने उनको निलंबित कर दिया है। फिलहाल वरिष्ठ उप स्टेशन अधीक्षक को सूरत स्टेशन के अधीक्षक के तौर पर कार्य संभालने के निर्देश दिए गए है।
सूत्रों के अनुसार सूरत रेलवे स्टेशन अधीक्षक दीपक मटई ने स्टेशन परिसर में कार पार्किंग का ठेका चलाने वाले सहकार ग्लोबल कंपनी के मैनेजर भरत मोहांती से हते के तौर पर दो हजार रुपए की मांग कर रहा था। भरत ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में उसकी शिकायत कर दी। जिसके बाद एसीबी निरीक्षक सीएम जाडेजा ने सोमवार सुबह स्टाफ के साथ जाल बिछाया और दिपक मटई को रुपए लेते हुए रंगे हाथ धर दबोचा।
इस मामले में पश्चिम रेलवे के मुबई मंडल के अधिकारियों ने स्टेशन अधीक्षक दिपक मटई को निलंबित कर दिया है। मुबई के वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों ने घटना की जानकारी मिलने के बाद ही उनको निलबित करने का निर्णय कर लिया था और मौखिक सूचना सूरत के क्षेत्रीय रेल प्रबंधक एसके यादव को दे दी थी।
मंगलवार को निलबन का ऑर्डर भी मुबई से सूरत आ गया। सूरत स्टेशन के अधीक्षक के तौर पर फिलहाल वरिष्ठ उप स्टेशन अधीक्षक अश्विनी कुमार वर्मा को प्रभारी बनाया गया है। उल्लेखनीय है कि, स्टेशन अधीक्षक दीपक मटई ने पार्किंग ठेकेदार को तरह-तरह का जुर्माना लगाकर परेशान कर दिया था। जुर्माना नहीं लागने की एवज में ही मटई पार्किंग मैनेजर से रिश्वत की मांग कर रहा था।
पार्किंग में हुई थी पहचान
सूत्रों के अनुसार सूरत के एसीबी निरीक्षक पिछले दिनों रेलवे स्टेशन पर अपनी कार लेकर आए थे। उन्होंने कार पार्किंग में अपनी कार पार्क की और कर्मचारी को स्वयं के बारे में प्राथमिक जानकारी दी। उस कर्मचारी ने एसीबी निरीक्षक की मुलाकात पार्किंग मैनेजर भरत मोहांती से करवाई थी। जिसके बाद जब कभी एसीबी निरीक्षक स्टेशन आते थे तो मैनेजर से मुलाकात करके जाते थे। स्टेशन अधीक्षक दीपक मटई की ओर से रिश्वत की मांग का दबाव बढऩे पर भरत ने एसीबी निरीक्षक का सपर्क किया और पूरा जाल बिछ गया।