सूरत। सूरत रेलवे स्टेशन आने वाले दिनों में एयरपोर्ट को भी मात देगा। जिस तरह से उसकी रूपरेखा तैयार की गई है, उसके मुताबिक स्टेशन परिसर में ही एक और हाईटेक शहर बसाया जाएगा जहां होटल-रेस्टोरेंट और मॉल के साथ ही सर्विस अपार्टमेंट्स भी खड़े होंगे। ६० मंजिला इमारत में कारपोरेट हाउस और अन्य दफ्तर भी आएंगे। २.२७ लाख वर्गमीटर जगह में एक हजार करोड़ वर्गफीट का निर्माण किया जाएगा।
रेलमंत्री ने देशभर के जिन दस शहरों के रेलवे स्टेशनों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने का ऐलान किया था, उनमें सूरत भी शामिल था। इस ऐलान के बाद सूरत महानगर पालिका सक्रिय हुई और रेलवे स्टेशन को पीपीपी मॉडल पर विकसित करने के लिए प्रोजेक्शन तैयार करना शुरू कर दिया। इस प्रोजेक्शन के हिसाब से काम हुआ तो सूरत स्टेशन देश में ही नहीं एशिया के रेलवे स्टेशनों में भी पहले पांच में शुमार होगा। २.२७ लाख वर्गमीटर जगह में एक करोड़ वर्गफीट जगह का निर्माण किया जाएगा। इसमें ६० मंजिला इमारत खड़ी होगी जिसमें मॉल, हॉस्पिटल, होटल, सर्विस अपार्टमेंट्स होंगे।
रेलवे स्टेशन परिसर में ही बस स्टैंड भी तैयार होगा जिसमें एसटी बस के साथ ही सिटी बस और बीआरटीएस बसों की व्यवस्था रहेगी। छह प्लेटफार्म पर जाने के लिए यात्रियों को एस्केलेटर उपलब्ध होंगे और निजी वाहनों की पहुंच प्लेटफार्म तक होगी। सबसे खास बात यह कि टिकट लिए बगैर कोई व्यक्ति स्टेशन परिसर में नहीं जा सकेगा। स्टेशन परिसर की बिजली की खपत को साधने के लिए पटरियों के ऊपर सोलर पैनल लगाए जाएंगे। मनपा प्रशासन के मुताबिक पूरे प्रोजेक्ट पर करीब तीन हजार करोड़ रुपए तक का खर्च आएगा और काम शुरू होने के चार वर्ष के भीतर इसे तैयार कर लिया जाएगा। शहर के व्यस्ततम इलाके से ट्रैफिक के दबाव को कम करने के लिए कई पेरेलल रूट्स तैयार किए जाएंगे।
करीब तीन हजार करोड़ रुपए का निवेश
करीब तीन हजार करोड़ रुपए के निवेश से शहर के रेलवे स्टेशन का कायाकल्प होगा। इसके लिए मनपा प्रशासन ने अपनी ओर से पहल की है। रेलवे मंत्रलाय को दिए प्रजेंटेशन में मनपा प्रशासन ने लोकभागीदारी से इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपग्रेड करने की बात कही है। प्रोजेक्ट पर अमल के लिए सूरत महानगर पालिका, राज्य सरकार और रेलवे बोर्ड मिलकर स्पेशल परपज व्हीकल कमेटी गठित करेंगे जिसके माध्यम से पूरे प्रोजेक्ट पर नजर रखी जा सकेगी। लोकभागीदारी के लिए आगे आने वाली एजेंसी को मनपा चार एफएसआई देगी।
इसका असर यह होगा कि स्टेशन परिसर में ६० मंजिला इमारत तैयार होगी जिसका व्यावसायिक इस्तेमाल किया जाएगा। सूरत के अंतरराष्ट्रीय रेलवे स्टेशन के लिए देशभर से चुने गए शहरों में शुमार होने के बाद महानगर पालिका प्रशासन ने पहल कर रेल मंत्रालय के समक्ष सहयोग का प्रस्ताव दिया। मंत्रालय से हरी झण्डी मिलने के बाद मनपा प्रशासन ने इसका प्रोजेक्शन तैयार किया, जिसमें वीडियो और ग्राफिक्स के माध्यम से सपनों के रेलवे स्टेशन का खाका खींचा गया। शहर के एक आर्किटेक्ट संजय जोशी की मदद से पूरे प्रोजेक्ट को डिजाइन किया गया।
रेलवे मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय के समक्ष दिए प्रजेंटेशन में मनपा प्रशासन ने जो सब्जबाग दिखाए हैं, वे पूरे होते हैं तो सूरत रेलवे स्टेशन आने वाले दिनों में देशभर के लिए मिसाल होगा। सूरत शहर हाईवे से करीब १८ किमी दूर है और रेलवे स्टेशन शहर को दो हिस्सों में बांटता है। पूरी कवायद में इस बात का विशेष ध्यान रखा गया कि वराछा और पुराने सूरत शहर के बीच में स्थित रेलवे स्टेशन के दबाव को ट्रैफिक से मुक्त रखा जाए। इसके लिए दोनों ओर से समानांतर रास्तों की व्यवस्था की गई है। पोददार एवेन्यू से स्वर्णिम सर्कल तक एक अलग रास्ता बनेगा जो ट्रैफिक के दबाव को काफी हद तक कम कर देगा।
पूरे प्रोजेक्ट के लिए जहां रेलवे की जमीन के साथ ही मनपा की खाली पड़ी जमीन और एसटी डिपो समेत राज्य सरकार की जमीन को शामिल किया जाएगा। तीनों संबंधित एजेंसियां मनपा, राज्य सरकार और रेलवे बोर्ड मिलकर स्पेशल परपज व्हीकल (एसपीवी) कमेटी गठित करेंगे। यह कमेटी पूरे प्रोजेक्ट पर नजर रखेगी।
मुख्य रास्ते से वाहनों के पार्किंग में जाने के लिए विशेष टनल बनाई जाएंगी। इन्हीं टनल से गाडिय़ां सीधे प्लेटफार्म नम्बर एक व छह पर जा सकेंगी, जहां से किसी भी प्लेटफार्म पर जाने के लिए यात्री ट्रांजिट कान्ड्यूट का इस्तेमाल कर सकेंगे। प्लेटफार्म का लेवल साढ़े चार मीटर रखे जाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा एस्केलेटर से भी यात्री वांछित
प्लेटफार्म पर पहुंच सकेंगे। पार्किंग में पांच हजार दुपहिया वाहन, १०८० थ्री व्हीलर, साढ़े तीन हजार कारें और १७५ बसों के खड़े होने की व्यवस्था रहेगी।
सूरत रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म की चौड़ाई फिलहाल तीन सौ मीटर है, जिसे बढ़ाकर छह सौ मीटर किया जाएगा। साथ ही चार प्लेटफार्म की जगह अब छह प्लेटफार्म होंगे। इसके अलावा किसी भी स्टेशन से सीधे बाहर आने के लिए चार लेयर कवर्ड किया जाएगा। जीरो लेवल पर ग्राउंड लेवल के साथ साढ़े चार लेवल ट्रेक और १२.५ लेवल का चौथा लेयर होगा। इन लेयर के जरिए यात्री सीधे पार्किंग में पहुंच जाएंगे।
रेलवे स्टेशन पर बिजली की खपत के लिए सोलर पैनल लगाए जाने का प्रस्ताव है। रेलवे ट्रैक पर १६३७५० वर्गमीटर जगह पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे। गौरतलब है कि सूरत महानगर पालिका पहले से ही सोलर पैनल और ऊर्जा के दूसरे वैकल्पिक स्रोतों से बिजली खपत को एडजस्ट करती आ रही है। २.२७ लाख वर्गमीटर में प्रस्तावित रेलवे स्टेशन के भीतर ही एक अनोखा शहर बसाने की तैयारी है। एक करोड़ वर्गफीट जगह पर निर्माण किया जाएगा जिसमें बस डिपो व अन्य व्यवस्थाओं के साथ ही ६० मंजिला इमारत बनेगी। इस इमारत में मॉल, हॉस्पिटल, होटल, रेस्टोरेंट, कारपोरेट दफ्तरों के साथ ही सर्विस अपार्टमेंट्स बनाने की भी तैयारी है। यानी घूमने-फिरने या फिर कारोबारी सिलसिले के लिए सूरत रेलवे स्टेशन पर आए लोगों को कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी।
प्रजेंटेशन तैयार करते समय मनपा ने आगामी २० वर्ष का प्रोजेक्शन किया है। मनपा के मुताबिक फिलहाल रेलवे स्टेशन पर रोजाना १.७५ लाख यात्रियों का आना-जाना रहता है। जिस तरह से शहर की आबादी बढ़ रही है और नौकरी की तलाश में सूरत आने वाले यात्रियों की संख्या में वृद्धि हुई है, आगामी २० वर्षों में यह आंकड़ा ६लाख को पार कर जाएगा। प्रस्तावित प्रोजेक्ट में इस तथ्य का खयाल रखा गया है।
सूरत रेलवे स्टेशन समेत देश के दस रेलवे स्टेशनों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपग्रेड करने के लिए रेलवे मंत्रालय ने कवायद शुरू कर दी है। इंडियन रेलवे स्टेशन डवलपमेंट कारपोरेशन इसके लिए मास्टर प्लान बनाने जा रहा है और रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल भी मंगाए हैं। मनपा ने अपग्रेडेशन के लिए पीपीपी मॉडल की ब्रांडिग की है। गौरतलब है कि शहर में कई प्रोजेक्ट्स ऐसे हैं जिन्हें पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जा रहा है। इनमें आउटर रिंगरोड प्रोजेक्ट भी शामिल है जिसे देशभर में मिसाल के तौर पर देखा गया है।
सूरत दक्षिण एशिया का आठवां सबसे तेजी से विकसित होता शहर है। करीब ५० लाख से ज़्यादा आबादी वाले शहर का रेलवे स्टेशन पशिम रेलवे का व्यस्ततम रेलवे स्टेशन है। देश में बन रहे सौ स्मार्ट सिटी की सूची में सूरत भी शामिल है और सभी अहर्ताएं पूरी करता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर का रेलवे स्टेशन मिलने पर इसका दावा और मजबूत होगा।
मनपा प्रशासन के मुताबिक पीपीपी मॉडल पर प्रोजेक्ट्स करने में सूरत शहर अव्वल है। सूरत रेलवे स्टेशन को भी पीपीपी मॉडल के तहत अपग्रेड करते हैं तो वित्तीय निवेश किए बगैर यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सहूलियतें दे पाएंगे। पीपीपी के तहत इसे बिल्ट-ऑपरेट-ट्रांसफर पद्धति से आगे बढ़ाया जाएगा। इसके लिए मनपा ने लोकभागीदारी से काम करने वाली एजेंसी को चार एफएसआई देने का प्रस्ताव रखा है।