कानपुर। रणजी ट्राफी में लगातार हार के बाद आखिरकार यूपीसीए को सुरेश रैना के सामने झुकना ही पड़ा। रैना ने अपनी शर्तों के साथ टीम में वापसी की जिससे एक बार फिर वह कप्तान और तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार बनेंगे।
छह अक्टूबर को रणजी ट्रॉफी के पहले मैच में प्रवीण कुमार को लेकर सुरेश रैना व मुख्य कोच मनोज प्रभाकर के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी। जिसके चलते रैना ने दोनों पारियों में बल्लेबाजी करने से मना कर दिया था।
कोच और उनके बीच पीके को लेकर विवाद इतना बढ़ गया था कि मध्यस्थता के लिए बोर्ड के एक ऊंचे अधिकारी को आना पड़ा लेकिन वह भी समझौता कराने में विफल रहे थे। जिससे नाराज होकर यूपीसीए ने मध्य प्रदेश के खिलाफ खेले गए मैच में रैना का टीम में चयन नहीं किया गया।
प्रवीण कुमार को लेकर चले विवाद को लेकर टीम की हालात बद से बदतर होती गई तो चयनकर्ताओं को उनके साथ ही प्रवीण कुमार को लेना मजबूरी हो गई थी। बता दें सुरेश रैना और प्रवीण कुमार आईपीएल के लिए भी एक ही टीम से खेलते हैं। उनकी दोस्ती के चर्चे भी प्रदेश से लेकर भारतीय टीम में मशहूर रहे हैं।
प्रदेश की टीम रणजी ट्रॉफी टीम के लिए रैना के स्थान पर विकेटकीपर बल्लेबाज एकलव्य द्विवेदी को कमान सौंपी। टीम का भला तब भी नहीं हुआ। यही नहीं इसके बाद भी दो अन्य कप्तानों को टीम की कमान दी गई। लेकिन वह भी टीम को जीत का मंत्र नहीं दिला सके।
टीम के अब दो मैच शेष बचे थे और कोच को हटाने की मांग जोर पकड़ना शुरू कर दिया था कि प्रदेश क्रिकेट संघ को रैना की याद आई।
चयनकर्ता ज्ञानेन्द्र पान्डेय की पहल पर रैना ने अपने साथ ही पीके को टीम में वापसी के लिए कहा और उनकी शर्तों के आधार पर ही दोनों खिलाड़ियों को टीम में जगह दी गई जिसमें रैना को कप्तान तो प्रवीण कुमार को उपकप्तान के तौर पर नियुक्त किया गया है। इन दोनों खिलाड़ियों की वापसी के बाद से टीम को बल मिल गया है।