लखनऊ। केंद्र में काबिज नरेंद्र मोदी सरकार ने मुसलमानों के विरोध को देखते हुए भले ही योग दिवस पर सूर्य नमस्कार की अनिवार्यता खत्म तो कर दी, लेकिन सरकार के इस फैसले के खिलाफ भाजपा के ही सांसद महंत योगी आदित्यनाथ और विश्व हिन्दू परिषद ने मोर्चा खोल दिया है।
गोरखपुर से भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केंद्र सरकार कोई भी निर्णय ले, लेकिन वह सूर्य नमस्कार अवश्य कराएंगे। आदित्यनाथ ने कहा कि वह तय कार्यक्रम के अनुसार 20-21 जून को योग दिवस मनाएंगे और सूर्य नमस्कार भी कराएंगे।
उन्होंने कहा कि योग, सूर्य नमस्कार और गीता का विरोध करने वाले संकीर्ण मानसिकता के लोग हैं। उनका कथन उनकी मानसिकता को दर्शाता है।
उन्होंने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्यों को भी आड़े हाथ लिया। उनका कहना था कि ऐसे लोगों का सत्य से कोई नाता नहीं है। योग और गीता प्राचीन भारत की संस्कृति हैं। ऐसे में इन दोनों के विरोध का ऐलान करके इन लोगों ने यह साबित कर दिया है कि वे भारत की संस्कृति से खुद को कटा हुआ मानते हैं।
भाजपा के फायरब्रांड नेता और पूर्व गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मियानंद ने भी केंद्र के इस फैसले पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि यदि सूर्य नमस्कार मुस्लिमों के दबाव में हटाया गया है तो यह मोदी सरकार की भूल है। इसके लिए उन्हें आगे चलकर कीमत चुकानी पड़ेगी। जो योग दिवस का विरोध कर रहे हैं, उनकी मर्जी योग करें या न करें।
इधर, विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि सूर्य नमस्कार को राजनीति और धर्म से जोड़ना गलत है। विहिप की ओर से योग दिवस के मौके पर सूर्य नमस्कार भी कराये जाने की तैयारी चल रही है।
गौरतलब है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने 21 जून को मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के खिलाफ कैंपेन चलाने का फैसला लिया था। बोर्ड ने योग को गैर-इस्लामी करार दिया है। यह फैसला रविवार रात को लखनऊ में बोर्ड की वर्किंग कमिटी की मीटिंग में लिया गया।