पटना। बीते दो महीने से लगातार राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद के परिवार पर बेनामी संपत्ति रखने का आरोप लगा रहे भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को अब पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के भ्रष्टाचार की सुध आई है।
उन्होंने दावा किया है कि पूर्व मंत्री सुधा श्रीवास्तव और वर्तमान मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी से भी राबड़ी देवी ने कीमती जमीन अपने नाम करवा ली थी।
मोदी ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में पद का दुरुपयोग कर विधायक सहकारी समिति (एमएलए को-ऑपरेटिव) की 10-10 लाख रुपए बाजार मूल्य की जमीन औने-पौने कीमत पर पूर्व मंत्री सुधा श्रीवास्तव और अब्दुल बारी सिद्दीकी से अपने नाम करवा ली।
उन्होंने दावा किया है कि वर्ष 1992-93 में समिति से 5़ 59 डिसमिल जमीन 37 हजार रुपए में आवंटियों ने ली थी, जिसे 10 वर्षो के बाद भी राबड़ी देवी ने मात्र 37 हजार रुपए में ही लिखवा ली, जबकि आज उस जमीन की बाजार कीमत एक करोड़ रुपए से ज्यादा होगी।
भाजपा नेता ने सवालिया लहजे में पूछा है कि आखिर लालू के पुत्र और मंत्री तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव में ऐसी कौन सी खासियत है कि पूर्व मंत्री रघुनाथ झा और कांति सिंह जहां उन्हें करोड़ों के जमीन-मकान गिफ्ट कर देते हैं, वहीं पूर्व मंत्री सुधा श्रीवास्तव और अब्दुल बारी सिद्दीकी जैसे लोग अपनी लाखों की जमीन महज कुछ हजार रुपए में राबड़ी देवी को बेच देते हैं?
मोदी पहले भी विधायक सहकारी समिति में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए आवंटियों की सूची जारी करने की मांग कर चुके हैं।
उन्होंने सवाल उठाया कि लालू प्रसाद के करीबी और समिति के अध्यक्ष जयप्रकाश नारायण यादव और सचिव भोला यादव ने अब तक आवंटियों की सूची सार्वजनिक कर यह क्यों नहीं बता रहे हैं कि किन आवंटियों को एक से अधिक प्लॉट आवंटित किए गए हैं और किसने आवासीय की जगह व्यावसायिक इस्तेमाल किया है?
भाजपा नेता ने कहा कि समिति द्वारा नियमों की लगातार अवहेलना की जा रही है, लेकिन सरकार गिरने के डर से मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर इसे भंग नहीं कर रहे हैं।