नई दिल्ली। अमरीका ने मंगलवार को पाकिस्तान को आतंकवाद पर लगाम लगाने का कड़ा सन्देश देते हुए कहा कि मुम्बई और पठानकोट हमलों में लिप्त आतंकवादियों के विरुद्ध पाक सख्त कार्रवाई करे।
अमरीकी सेक्रेट्री ऑफ़ स्टेट जॉन केरी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ मंगलवार को एक प्रेस वार्ता में दो टूक शब्दों में कहा अमरीका ‘अच्छे आतंकवाद और बुरे आतंकवाद’ में कोई फ़र्क़ नहीं करता।
उन्होंने कहा अमरीका भारत के आतंकवाद के खिलाफ किए जा रहे सभी प्रयासों का समर्थन करता है जिसमें पठानकोट और मुम्बई हमलों के लिए ज़िम्मेदार आतंकवादियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग भी शामिल है।
इससे पहले सुषमा स्वराज ने कहा कि आतंकवाद के मामले में दोनों देश समान विचार रखते हैं। उन्होंने सेक्रेट्री केरी को पाकिस्तान द्वारा भारत के एक ‘भू-भाग’ में आतंकवाद को बढ़ावा देने के बारे में अवगत कराया है।
सुषमा स्वराज ने कहा यह भी अति आवश्यक है कि पाकिस्तान में शरण पा रहे आतंकवादी और आतकंवादी संगठन जैसे लश्कर-ए-तैयेबा, जैश-ए-मोहम्मद और डी-कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
उन्होंने कहा कि वह और सेक्रेट्री केरी इस बात पर सहमत थे कि किसी भी राष्ट्र को आतंकवाद पर दोहरे मापदंड नहीं अपनाने चाहिए।
सेक्रेट्री केरी ने कहा उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ और सेनाध्यक्ष जनरल रहील शरीफ से भी कहा कि किसी भी आतंकवादी संगठन को पाकिस्तान की धरती पर शरण न दे।
उन्होंने कहा कि यह सबको मालूम है कि लश्कर-ए-तैयबा और ‘हक़्क़ानी नेटवर्क’ पाकिस्तान की धरती से अपनी गतिविधियां चलाते हैं।
पाकिस्तान के साथ शांति वार्ता के विषय पर एक प्रश्न के उत्तर में सुषमा स्वराज ने कहा भारत की ओर से कोई भी झगड़ा नहीं है और भारत ने सदा ही शांतिपूर्ण वार्ता पर ज़ोर दिया है।
उन्होंने कहा भारत ने बार-बार यही कहा है कि आतंकवाद और शांति वार्ता साथ-साथ नहीं चल सकते और वार्ता तभी होगी जब पाकिस्तान पठानकोट हमले में लिप्त आतंकियों के विरुध कार्रवाई करे।
सेक्रेट्री केरी जो सोमवार को अपनी दो दिवसीय यात्रा पर भारत आए, मंगलवार को सुषमा स्वराज के साथ भारत-अमरीका सामरिक और वाणिज्यिक वार्ता की सह-अध्यक्षता कर रहे थे।
वार्ता के बाद उन्होंने कहा इतिहास में झांक कर देखा जाए तो भारत और अमरीका अनेक मुद्दों पर पहले से कहीं ज़्यादा आपसी सहयोग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा वार्ता से यह सामने आया है कि यदि विश्व के दो बड़े लोकतांत्रिक देश मिल कर काम करें तो केवल दोनों देशों में ही नहीं बल्कि विश्व के लोगों के लिए भला कर सकते हैं।
सेक्रेट्री केरी ने कहा दोनों देशों के संबंधों में ‘आश्चर्यजनक’ प्रगति हुई है। सुषमा स्वराज ने सेक्रेट्री केरी को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदयस्ता के लिए अमरीकी समर्थन पर धन्यवाद दिया।