सबगुरु न्यूज उदयपुर। भारतीय जनता पार्टी के वयोवृद्ध नेता और पूर्व सांसद भानुकुमार शास्त्री की अनुजवधु की स्वाइन फ्लू से मौत के मामले में संस्पेंड हुए नोडल आॅफिसर डाॅ. महेश दवे को बहाल कर दिया गया है। उनके बहाली के आदेश गुरुवार को आए।
गौरतलब है कि पूर्व सांसद शास्त्री ने हाई कमान तक शिकायत पत्र लिखा था। उसमें यह साबित भी किया था कि उदयपुर में उनकी अनुजवधु के इलाज में लापरवाही बरती गई। उन्होंने अहमदाबाद में कराई गई चिकित्सकीय जांच रिपोर्ट को भी सबूत के तौर पर प्रस्तुत किया था। कुछ दिनों बाद पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सर्राफ ने उदयपुर दौरे के दौरान स्वाइन फ्लू वार्ड के नोडल आॅफिसर डाॅ. महेश दवे को निलम्बित कर दिया था। इसके बाद चिकित्सकों ने भारी विरोध किया।
फिर प्रदेश सरकार के आदेश पर एक जांच कमेटी गठित हुई, जिसने अपनी जांच में स्पष्ट लिखा कि इलाज के दौरान लापरवाही तो हुई थी, लेकिन इलाज करने वाले चिकित्सक दल में डाॅ. महेश दवे शामिल नहीं थे। वह तो वार्ड के नोडल अधिकारी थे। इसलिए डाॅ. दवे निर्दोष है और उन्हें पुनः बहाल किया जाए। सरकार के आदेश के बाद डाॅ. दवे ने फिर से अपनी उपस्थिति राजकीय महाराणा भूपाल चिकित्सालय में दे दी है।
हालांकि, इस घटनाक्रम के बाद भी पूर्व सांसद का सवाल ज्यों का त्यों बना हुआ है कि उनकी अनुजवधु की उदयपुर की चिकित्सकीय जांच में स्वाइन फ्लू नहीं बताया गया, जबकि अहमदाबाद की जांच में स्वाइन फ्लू पाॅजिटिव आया। ऐसे में लापरवाही किसी मानी जाएगी। डाॅ. दवे की बहाली के बाद मामले की विस्तृत जांच होगी, संबंधित लैब से सवाल पूछे जाएंगे या नहीं।