-मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव लाने को कहा
जयपुर। राजस्थान विधानसभा में कई दिनों से चल रहा गतिरोध को विराम लगने की संभावना नजर आ रही है। विधानसभा में शुक्रवार को कांग्रेस के आठ और एक निर्दलीय विधायक का निलम्बन वापस ले लिया है।
इस गतिरोध को तोडने की पहल करते हुए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बजट पर जवाब देने के दौरान विधानसभा अध्यक्ष कैलाश चंद मेघवाल से निलम्बित विधायकों का निलम्बन वापस लेने का प्रस्ताव रखा। इस पर सहमति मिली और इसे मान लिया गया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि कांग्रेस विधायकों के विधानसभा से बाहर रहने का उन्हें बहुत दुख है। अब गतिरोध समाप्त होना चाहिए, इसके लिए प्रयास भी किये गये। उन्होंने कहा कि सदन की नेता होने के नाते वे बड़ा दिल रखते हुए वे चाहती हैं कि सभी का निलम्बन वापस ले लिया जाये। इस पर अध्यक्ष मेघवाल ने सरकारी मुख्य सचेतक कालूलाल गुर्जर से प्रस्ताव लाने को कहा।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों विधानसभा के बाहर भूमि अधिग्रहण बिल का विरोध कर रहे कांग्रेस नेताओं पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया था। इसके बाद लाठीचार्ज करनेवाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर विधायक व राजस्थान के यूथ कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चांदना सदन में आ गए और सदन में अपने कपड़े उतारकर पिटाई के निशान दिखाने लगे। जोरदार हंगामा हुआ। इस बीच सरकारी मुख्य सचेतक कालूलाल गुर्जर इन विधायकों के खिलाफ सत्र की शेष अवधि तक निलम्बित करने का प्रस्ताव ले आए, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने ध्वनि मत से पारित कर दिया।