नई दिल्ली/पोरबंदर। भारत-पाकिस्तान समुद्री सीमा के निकट अरब सागर में मछली पकड़ने वाली एक संदिग्ध पाकिस्तानी नाव को भारतीय तटरक्षक बल व नौसेना ने जब आगे बढ़ने रोका, तब उसमें सवार लोगों ने विस्फोट कर नाव को ही उड़ा लिया। अंदेशा है कि एक बार फिर भारत को दहलाने की साजिश रची गई थी, जो नाकाम हो गई।
खुफिया सूचना के आधार पर इस संदिग्ध नाव की तलाश की गई। सुरक्षाबलों ने उसे आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश की। इस बीच नाव में सवार आत्मघातियों ने इसमें आग लगा दी। भयंकर विस्फोट के बाद नाव समुद्र में समा गई।
तटरक्षक के उप महानिदेशक के.आर.नौटियाल ने कहा कि यह नाटकीय घटना 31 दिसंबर की रात की है। संदिग्ध नाव का सीमा पर आना और पकड़े जाने पर नाव में सवार लोगों द्वारा विस्फोट कर खुद को खत्म कर लेना बेहद गंभीर मामला है।
उन्होंने कहा कि खुफिया सूचना के आधार पर इस नाव की तलाश डोरनियर हवाईदस्ते ने किया था। 31 दिसंबर की रात गुजरात के पोरबंदर से 365 किलोमीटर दूर भारत-पाकिस्तान समुद्री सीमा पर भारतीय तटरक्षक के जहाजों तथा नौसेना के विमानों ने उस नाव को रोकने की कोशिश की।
नौटियाल ने कहा कि हिंद महासागर में जब तटरक्षक ने नाव को जांच के लिए रूकने का संकेत दिया, तो पहले उसने भागने का प्रयास किया। फिर छह घंटे बाद नाव की तमाम बत्तियां बुझा दी गई। उसमें सवार चार लोग छत के नीचे छिप गए और इसके बाद नाव में आग लगा दी, जिससे विस्फोट हो गया। संभवत: वे नाव में विस्फोटक भरकर ले जा रहे थे।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक नाव कराची के केटी बंदर से चली थी, जिसकी मंशा किसी अवैध आदान-प्रदान की थी। तटरक्षक के एक जहाज ने उस नाव को जांच के लिए रूकने की चेतावनी दी, लेकिन उसने अपनी गति और बढ़ाकर भागने का प्रयास किया।
करीब एक घंटे तक उस नाव का पीछा किया गया। गोलीबारी की चेतावनी देने के बाद उसे रोक पाने में सफलता मिली। उस नाव पर कुल चार लोगों को देखा गया। इसके बाद नाव की तमाम बत्तियां बुझा दी गई। अंत में संदिग्ध चालक दल ने खुद को जहाज की छत के नीचे छिपा लिया और नौका में आग लगा दी, जिसके बाद एक जोरदार धमाके के साथ भीषण आग लग गई।
बयान के मुताबिक अंधेरा, खराब मौसम तथा तेज हवाओं के कारण नौका तथा उसमें सवार लोगों को नहीं बचाया जा सका। नौका पूरी तरह जल गई और एक जनवरी की सुबह डूब गई। नौटियाल ने कहा कि नौका सुबह 6.33 बजे डूब गई।
उन्होंने कहा कि कुछ ऎसा था, जो गंभीर था। नहीं तो भागने या लाइट ऑफ करने का कोई कारण ही नहीं था जब नाव डूबी, उस वक्त भारतीय डोरनियर विमान हवा में था। उन्होंने इस घटना को खुफिया और सुरक्षा बलों के बीच बेहतर समन्वय का परिणाम बताया।
विशेषज्ञों ने इस बीच कहा कि इस घटना ने नवंबर 2008 को हुए मंुबई हमले की याद ताजा कर दी, जब समुद्र के रास्ते से 10 पाकिस्तानी आतंकवादी मुंबई में घुसे और 166 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। मुंबई में घुसने के लिए उन्होंने मछली मारने वाली एक भारतीय नौका को अगवा किया था।
सुरक्षा विशेषज्ञ कमर आगा ने कहा कि सुरक्षा के मद्देनजर यह चिंता की बात है। ऎसा लगता है कि एक बार फिर किसी बड़े आतंकवादी हमले की साजिश रची गई। इससे यह भी पता चलता है कि भारतीय एजेंसियां सतर्क और तैयार हैं।
सेवानिवृत्त मेजर जनरल एस.आर.सिन्हा ने कहा कि नौका में विस्फोट होना यह दर्शाता है कि वे भारी मात्रा में विस्फोटक लेकर आ रहे थे। शायद वे भारत में प्रवेश करना चाहते थे। उल्लेखनीय है कि भारतीय नौसेना प्रमुख ने पिछले महीने समुद्री सीमा पर खतरे को लेकर आगाह किया था।
पाकिस्तान ने खारिज किया भारतीय तट रक्षकों का दावा
इस्लमाबाद। पाकिस्तान ने भारत के उस दावे को खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया था कि भारतीय नौसैनिकों के हाथ पकडे जाने के भय से पाकिस्तान की मछली पकडने वाली नौका के चालक दल के सदस्यों ने अरब सागर में खुद को आग लगा ली और नाव को डुबो दिया। यह जानकारी शनिवार को वहां के एक स्थानीय मीडिया रपट से मिली है।
रपट के मुताबिक, पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता तनसीम असलम ने सिंध प्रांत के केटी बंदर बंदरगाह से किसी भी नौका के समुद्र में उतरने से भी इनकार किया है। विदेश कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि भारत और पाकिस्तान की छवि खराब करने के लिए ऐसा झूठा प्रचार कर रहा है, भारतीय अधिकारियों ने शुक्रवार को दावा किया था कि गुजरात के तट से दूर विस्फोटकों से भरी पाकिस्तान की एक संदिग्ध नौका में उस वक्त विस्फोट हो गया, जब भारतीय तट रक्षकों ने इसे बीच रास्ते में रोकने की कोशिश की।