जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में आगामी ११ व १२ को देशभर के स्वदेशी प्रेमी संगठन और उनसे जुड़े लोग जुटेंगे। इस दो दिवसीय स्वदेशी संगम कार्यक्रम में देश के आर्थिक विकास मॉडल पर चर्चा होगी।…
स्ववदेशी जागण मंच के राष्ट्रीय संगठक कश्मीरी लाल ने रविवार को कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि स्वदेशी के क्षेत्र में देशभर में काम रहे सभी प्रांतों एवं जिलों के प्रमुख महानुभाव दो दिन के लिए एक साथ मिलकर स्वदेशी से जुड़े मसलों पर चर्चा करेंगे। किसान, मजदूर, रेहड़ी वाले, लघुउद्यमी, बुनकर, पर्यावरण प्रेमी आदि से जुड़े संगठनों के पदाधिकारियों को कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है। विचार और चर्चा के इस मिलन को स्वदेशी संगम नाम दिया गया है।
उन्होंने बताया कि आयातों पर बढ़ती निर्भरता, पर्यावरण असंतुलन, वर्तमान आर्थिक मंदी, बंद होते लघु-कुटीर उद्योग, बदहाल कृषि, बढ़ती महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, शिक्षा स्तर में गिरावट व भ्रष्टाचार, गिरते हुए सांस्कृतिक मूल्य आदि कई समस्याएं देश के सामने मुंह बाए खड़ी है। इन सबसे निपटने के लिए मुद्दों के प्रति संवेदनशीलता एवं नीतियों में यथोचित परिवर्वन समय की मांग है।
स्वदेशी जागरण मंच इसके लिए समाज के विभिन्न वर्गों के साथ चर्चा एव्र यापक जनसंवाद का आयोजन करता रहता है। इस बार इस संवाद को व्यापक रूप दिया जा रहा है। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि एक तरफ जहां अमरीका में भयानक वैश्विक आर्थिक मंदी आई तो दूसरी ओर अकेले चीन में बीते १० साल में २८ लाख किसानों ने आत्महत्या की है। दुनिया के अधिकतर देशों में विकास के मॉडल को लेकर एक असमंजस की हालत बनी हुई है। एक का शोषण ही दूसरे के विकास का आधार बन रहा है, ऐसी स्थिति में यह संगम न केवल भारत अपितु विश्व का मार्ग प्रशस्त करने में सफल होगा।
बैन के बाद भी चीनी पटााखों की बिक्री
रोक के बाद भी चीनी पटाखों की भारत में बड़े पैमाने पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने चीन से आयातित पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। इसके बावजूद गली मोहल्लों तक चीनी पटाखे पहुंच रहे हैं। दीपावली सीजन के चलते अवैधरूप से चीनी पटाखों की बिक्री धड़ल्ले से जारी है। इसका हमारे देश की अर्थव्यवस्था व पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। इसके प्रति जागरूता दिखाने की जरूरत है। भारत सांस्कृति देश है, यहां समय समय पर बड़े धार्मिक महत्वव के आयोजन होते रहते हैं जिन पर विदेशी कंपनियों की नजर रहती है तथा वे इसे आर्थिक फायदे के रूप में भुनाने में जुटे हैं। इससे स्थानीय उद्योग और व्यापार को नुकसान उठाना पड़ता है। विदेशी सामान के बाजार में आने से स्थानीय माल को उनसे प्रतिस्पद्र्धा करनी होती है।
कब क्या आयोजन
उदघाटन सत्र : ११ अक्टूबर सुबह १० बजे, स्थान इंदिरा गांधी पंचायत राज संस्थान जवाहरलाल नेहरू मार्ग जयपुर।
सार्वजनिक कार्यक्रम: ११ अक्टूबर शाम ५.३० बजे रविन्द्र मंच जयपुर।
समापन सत्र : १२ अक्टूबर अपराह्न ३ बजे इंदिरा गांधी पंचायत राज संस्थान जवाहर लाल नेहरू मार्ग जयपुर।