नई दिल्ली। स्वराज अभियान ने समान नागरिक संहिता का समर्थन किया है। अभियान के संयोजक योगेंद्र यादव ने इस मुद्दे पर आम सहमति बनाने के लिए चर्चा की वकालत की है।
स्वराज अभियान ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा है कि देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान धर्मनिरपेक्ष पर्सनल लॉ की आकांक्षा को हमारे संविधान के निर्देशक सिद्धांतों में व्यक्त किया गया है।
दुर्भाग्य से हिंदू, मुस्लिम या अन्य धार्मिक समुदायों के सभी पर्सनल लॉ महिलाओं के खिलाफ़ भेदभाव वाले प्रतिगामी रीति-रिवाजों को वैधता देते हैं। एक उदार, लोकतांत्रिक और सभ्य समाज में यह अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
विवाह, तलाक और संपत्ति से सम्बंधित बुनियादी कानूनी प्रावधान हर नागरिक के लिए उनके धर्म के कारण अलग-अलग नहीं हो सकते।
अभियान ने सरकार, विपक्ष और सभी समुदायों के नेतृत्व एवं प्रतिनिधियों से आग्रह किया है कि इस विचार को लेकर संवाद बनाने में सहयोग करें ताकि देश आम सहमति की भावना के साथ हमारे संवैधानिक आदर्श की ओर आगे बढ़ सके।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दायर कर मुस्लिमों में तीन तलाक, ‘निकाह-हलाला’ और बहुविवाह का विरोध किया है। इस पर विधि आयोग ने एक सवालनामा जारी कर जनता की राय मांगी है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सहित कई मुस्लिम संगठनों ने सरकार के इस कदम का विरोध करते हुए कहा है कि भारत जैसे विविधता में एकता वाले देश में यह कतई मुनासिब नहीं है।
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