Warning: Undefined variable $td_post_theme_settings in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/news/wp-content/themes/Newspaper/functions.php on line 54
प्रेगनेंट महिलाओं को स्वाइन फ्लू का ज्यादा खतरा - Sabguru News
Home Health प्रेगनेंट महिलाओं को स्वाइन फ्लू का ज्यादा खतरा

प्रेगनेंट महिलाओं को स्वाइन फ्लू का ज्यादा खतरा

0
प्रेगनेंट महिलाओं को स्वाइन फ्लू का ज्यादा खतरा
swine flu pregnancy : complications, vaccine and more

swine flu pregnancy : complications, vaccine and more

नई दिल्ली। संक्रमण के लिहाज से प्रेगनेंट महिलाओं को सबसे आसान शिकार माना जाता है। जिस स्वाइन फ्लू से दुनिया में खौफ कायम है, उसका आसान शिकार ज्यादातर वे महिलाएं हुई हैं, जिनका अबॉर्शन हुआ है या जो प्रेगनेंट हुई हैं।

गर्मी के मौसम में नींबू के अनेकों फायदे

गर्भधारण के समय महिलाओं की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर पड़ जाती है और जिसके कारण वो इससे कहीं ज्यादा मात्रा में प्रभावित होती हैं। गर्भधारण के समय ये फ्लू तेजी से फैलता है और शरीर कमजोर तथा संक्रमित बना देता है जिससे निमोनिया या भ्रूण संकट जैसी भयानक स्थिति पैदा हो सकती है।

सावधान! घुटने से आ रही आवाज तो हो सकता है गठिया…

गर्भपात के दौरान गर्भाशय का आकर बढ़ने लगता है महिलाओं में वैसे ही इस बढ़ते हुए आकार के कारण डायाफ्राम और जिस जगह फेफड़े होते हैं वहां दबाव पड़ने लगता है, जिसकी वजह से फेफड़ों में हवा की आवाजाही में कमी हो जाती है। इस प्रकार उनका शरीर किसी भी संक्रमण से प्रभावित हो सकता है।

जानकार चिकित्सकों का कहना है कि जिन महिलाओं में बाहरी संक्रमण पाया जाता है उन्हें बुखार, शरीर में दर्द, बहती नाक, गले में खराश, सर्दी और शरीर के तापमान में लगातार बदलाव महसूस हो सकता है। उन्हें दस्त तथा उल्टिया भी हो सकती है। अगर इन सब लक्षणों में से कोई लक्षण पाया जाता है तो तुरंत किसी चिकित्सक से सलाह लें और जितनी जल्दी हो सके इसका उपचार करवाएं।

इन बातों का रखें ध्यान

अगर आप किसी ऎसे व्यक्ति से मिले हों जो फ्लू से पीडित हो, तो बिना अपना समय गवाएं अपने चिकित्सक के पास जाकर जांच करवाएं कि आप कितने हद्द तक इस स ंक्रमण से प्रभावित हैं।

अगर आपको फ्लू के लक्षण अपने अंदर महसूस होते हैं तो अपने घर पर ही रहें और जितना हो सके लोगों से मिलने जुलने पर रोक लगाएं। बिना समय को गंवाए या दर्द कम करने की अनावश्यक दवा खाना या दवा की दुकान का चक्कर काटने की जगह स्वास्थ्य विशेषज्ञ से जांच कराएं और सलाह लें।

अब गोली खाने से मिलेगा व्यायाम का फायदा

फ्लू से पीडित प्रेगनेंट महिलाओं के लिए उपचार

अगर प्रेगनेंट महिलाओं में फ्लू के लक्षण लक्षण पाए जाते हंै तो उनका उपचार एंटी वायरल से किया जाना चाहिए क्योंकि ऎसी दवा 24 घंटों के भीतर काम करना शुरू कर देता है। फ्लू के लक्षण शुरूआती चरण में हों तभी यह इलाज कारगर रहता है। एंटी वायरल सबसे बेहतर तब काम करती है जब इनका सेवन 2 दिन के अंदर शुरू किया जाए।

किसी भी तरह के बुखार का इलाज करें खासकर अस्टीमिनोफेना नामक बुखार का।

तरल पदार्थो का बड़ी मात्रा में सेवन करें।

एंटी-वायरल दवाओं का कोई भी बाहरी नुकसान नहीं होता ना ही शरीर को कोई हानि पहुंचाता है, बच्चा और मां दोनों सुरक्षित रहते हैं।

फ्लू संक्रमण से बचाव के कुछ बड़े उपाय

अपने हाथों को प्राय:साफ रखें। खाना खाने से पहले तथा शौच जाने क उपरांत हाथों को धोते समय सही तरीके का इस्तमाल करें। साफ पानी से कम से कम 15 सेकंड तक हाथों को ठीक ढंग से मल-मल कर साफ करें। साबुन और पानी के नहीं होने पर सैनिटिजेर्स जेल का इस्तेमाल करें।

खांसते तथा छींकते समय अपने खली हाथों को मुंह से दूर रखें। उसके कारण पूरे शरीर में कीटाणु फैल जाते हैं तथा आसानी से लोगों में भी फैलते हुए नजर आते हैं। ऎसे में टिश्यू का इस्तमाल करना लाभकारी होगा। अगर फिर भी टिश्यू का इस्तमाल नहीं किया गया तो तुरंत खांसी के बाद हाथों को सही तरीके से साफ करें।

जानिए खुजली को दूर करने के कुछ घरेलू उपाय

अपनी आंखें, नाक तथा मुंह को न छुएं क्योंकि आपके हाथों होने वाले कीटाणु प्रभावित कर सकते हैं। कपड़े का भी ध्यान रखें।

अगर आपके घर में कोई बीमार है तो उनसे कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखें।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here