नई दिल्ली। दिल्ली के ताज मानसिंह होटल की नीलामी के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने तीस मार्च तक के लिए सुनवाई टाल दी है।
टाटा ग्रुप के इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड के लिए वकील हरीश साल्वे ने कहा कि इस होटल में ठहरने के लिए मुंबई से काफी लोग आते हैं। उन्होंने कहा कि इस मसले पर अपना पक्ष रखने में उन्हें चार दिन का समय लगेगा।
उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसे तीस मार्च तक के लिए टाल दिया। पिछली सुनवाई के दौरान एनडीएमसी ने अपने फैसले से सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराते हुए कहा था कि हमने फैसला किया है कि होटल की ई-नीलामी की जाए। हम टाटा ग्रुप के लाइसेंस को रिन्यू नहीं कर सकते।
कोर्ट ने पूछा था कि आप ई-नीलामी कब करेंगे। तब एनडीएमसी ने कहा था कि इस मसले पर हम आपके फैसले का इंतजार कर रहे हैं। एनडीएमसी के इस फैसले पर टाटा ग्रुप ने कहा था कि वे ई-नीलामी के फैसले के विरोध में अर्जी दायर करेंगे।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एनडीएमसी को टाटा ग्रुप की लीज ना बढ़ाने के फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा था। कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में एनडीएमसी ने लॉ अफसर्स की राय को दबाया, जिसमें टाटा ग्रुप को लीज बढ़ाने को कहा गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि होटल की नीलामी के लिए टाटा ग्रुप को सबसे पहले मौका दिया जाए। अगर वह लाइसेंस के लिए नीलामी में तय रकम नहीं दे पाए तो इसके बाद जो बड़ी बोली लगाए, उसे लीज ट्रांसफर की जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 21 नवंबर को टाटा समूह को राहत देते हुए होटल ताज मान सिंह होटल की नीलामी करने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने होटल ताज मानसिंह को 31 मार्च के बाद की भी बुकिंग करने की अनुमति दी थी।
कोर्ट ने कहा था कि चलते हुए बिजनेस पर रोक नहीं लगा सकते। आपको बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट में टाटा ग्रुप की इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (आईएचसीएल) ने इस नीलामी के खिलाफ याचिका दायर की थी।
जिसे 27 अक्तूबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था और एनडीएमसी को होटल की नीलामी करने को हरी झंडी दे दी थी। जिसके बाद कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है।