दिनभर की भागदौड़ की थकान को दूर करना हैं तो कभी शाम को हल्का गर्म पानी करके स्नान करे ताकि आपकी थकावट दूर हो सके। खूबसूरती बढ़ाने और बॉडी को रिलैक्स करने में इसका उपयोग होता है। अगर किसी विशेष रोग में इसका प्रयोग कर रहे है तो विशेषज्ञ से सलाह आवश्यक है। इससे डिप्रेशन, मुंहासों, अनिद्रा, मोटापा, जोड़दर्द, बाल झडऩा, के अलावा तनाव घटकर रक्तसंचार दुरुस्त होता है।
इसमें कई प्रकार की चमेली व लैवेंडर, जड़ी-बूटियां व गुलाव जैसी औषधियों के तेलों का प्रयोग होता है। तेल को माथे पर धार बनाकर डालते हैं। नाक, हथेली-हाथों पर भी इसका प्रयोग होता है जिससे थकान, सिरदर्द व तनाव दूर होता है। यह थैरेपी का उपयोग कर त्वचा को मुलायम-चमकदार, मांसपेशियों को मजबूत और मेटाबॉलिज्म बनाया जा सकता है। स्क्रब के रूप में यह रक्तसंचार सुधारकर जोड़ों के दर्द व त्वचा रोगों में लाभ होता है।
इसमें औषधियुक्त तेल से सम्पूर्ण शरीर व परेशानी या दर्द वाले हिस्सों पर मालिश की जाती है। खासकर सिर, पैरों के पंजे व सभी अंगों के जोड़। सुबह खाली पेट यह मसाज मानसिक-शारीरिक दोनों तरह से लाभकारी है। इससे रक्तसंचार दुरुस्त होकर इम्यूनिटी बढ़ती है। जोड़ों की अकडऩ दूर होने से विषैले तत्त्व बाहर निकलते हैं।
इसमें पानी को गर्म करके एक कमरे में भाप पैदा की जाती है। इसमें स्पा लेने वाले व्यक्ति को बैठाते हैं लेकिन बॉडी मूवमेंट की मनाही होती है। इस 30-35 मिनट की प्रक्रिया में स्टीम बाथ से पहले ध्यान रखें कि एक गिलास पानी पीएं। बाथ लेने के दौरान सिर पर या गले के पीछे गीला तौलिया रखें ताकि बेचैनी महसूस न हो।
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