नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े सितारों की जमात में शामिल होने की वजह से हिंदी सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन से महत्वपूर्ण मुद्दों पर रुख पेश करने की उम्मीद की जाती है लेकिन उनका कहना है कि उन्हें ऐसा करना मुश्किल लगता है और वे ऐसा करने वाले लोगों की काफी सराहना करते हैं।
74 साल के अभिनेता पोलियो उन्मूलन, बाघ संरक्षण, हेपिटाइटिस बी को लेकर जागरूकता जैसी कई पहलों में शामिल हैं और उनका कहना है कि वह सामाजिक मुद्दों के लिए योगदान करते समय ज्यादा सहज होते हैं।
अमिताभ ने यहां हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट के एक सत्र में निर्माता-निर्देशक-प्रस्तोता करण जौहर से कहा कि अलग अलग लोगों का रुख अलग अलग होता है। कुछ कलाकार मजबूती से राय रखते हैं।
मैं उनकी काफी सराहना करता हूं लेकिन मेरे पास उतनी ताकत नहीं है। लेकिन देश के लिए सामाजिक रूप से अगर कुछ है जो मैं कर सकता हूं, जो मैं करता हूं तो मैं उससे संतुष्ट हूं। मेरे लिए राय बनाना मुश्किल है।
करण ने अभिनेता से उनके फिल्मों के चयन और सोशल मीडिया को लेकर उनके प्रेम जैसे कई मुद्दों पर बातचीत की।
बच्चन ने कहा कि अकसर लोग उनसे अपनी राय जाहिर करने की उम्मीद करते हैं लेकिन उन्हें लगता है कि उनके पास अपना नजरिया रखने के लिए जरूरी ज्ञान या अनुभव नहीं है।
सत्र के दौरान एक दर्शक ने जब उनसे पूछा कि क्या वह कभी देश के राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लडऩा चाहेंगे, उन्होंने इसे खारिज करते हुए कहा कि उनके पास इस काम के लिए जरूरी क्षमता या ज्ञान नहीं है।
बच्चन ने कहा कि यह मजाक काफी समय से चल रहा है जो शत्रुघ्न सिन्हा सांसद-अभिनेता ने शुरू किया था और मैं इसे लेकर सफाई देते देते उब गया हूं। आपको क्या सच में लगता है कि मैं राष्ट्रपति बन सकता हूं? मुझमें कोई योग्यता, क्षमता, स्वीकार्यता, ज्ञान, कुछ नहीं है।