कुंदुज। तालिबान ने सोमवार को अफगानिस्तान के कुंदुज पर हमला किया, जहां भीषण लड़ाई हो रही है। इस जगह इस्लामी मिलिशिया ने एक साल पहले भी हमला किया था और इस शहर को कुछ समय के लिए अपने कब्जे में ले लिया था।
हमला आज ऐसे समय हुआ है जब एक दिन बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी ब्रसेल्स में एक सम्मेलन में विश्व शक्तियों के नेताओं से मिलने वाले हैं। एक संवाददाता ने बताया कि हमला आज तड़के प्रांतीय राजधानी के दक्षिणी एवं पूर्वी हिस्सों में हुआ जहां आतंकवादियों एवं सरकारी बलों के बीच लड़ाई चल रही है। अफगानिस्तान की सेना के दो हेलीकॉप्टर शहर के उपर उड़ान भरते दिखे। शहर की सड़कें सुनसान हैं और दुकानें बंद हैं ।
इस हमले से करीब एक साल पहले तालिबान ने कुंदुज पर कब्जा किया था। यह एकमात्र प्रांतीय राजधानी है जो वर्ष 2001 में सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद से विद्रोहियों के कब्जे में आई थी। इसके बाद से ही शहर पर सरकार का नियंत्रण डांवाडोल स्थिति में रहा है।
गनी मंगलवार एवं बुधवार को ब्रसेल्स में विश्व के नेताओं से मिलेंगे ताकि इस युद्धग्रस्त देश के पुनर्निर्माण के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से वित्तीय मदद प्राप्त की जा सके। गनी के अलावा यूरोपीय संघ के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क के साथ अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून इस सम्मेलन में भाग लेंगे।
यह सम्मेलन ऐसे समय आयोजित किया जा रहा है जब अफगानिस्तान तालिबान एवं अन्य आतंकवादी समूहों के साथ शांति वार्ता के लिए संघर्ष कर रहा है। ये समूह अमेरिका के हमले के बाद से करीब 15 वर्ष से खूनी आतंकवाद चला रहे हैं। काबुल ने सितंबर में हिज्ब-ए-इस्लामी आतंकवादी समूह के प्रमुख गुलबुददीन हिकमतयार के साथ एक शांति समक्षौते पर हस्ताक्षर किए थे। हालांकि इस कदम से सुरक्षा पर खास प्रभाव नहीं पड़ेगा लेकिन यह तालिबान को वार्ता की मेज पर लाने के प्रयासों की एक सांकेतिक जीत है।
अधिकारियों ने ब्रसेल्स सम्मेलन से पहले कहा कि अफगानिस्तान को स्थिरता एवं संभावित शांति के मार्ग पर मोड़ने के लिए वित्तीय समर्थन अहम है। यूरोपीय संघ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अफगानिस्तान का फिर से अस्थिर होना किसी के भी हित में नहीं होगा। कुंदुज को 28 सितंबर 2015 को कब्जे में लेने के बाद तालिबान ने दो दिन तक शहर को अपने नियंत्रण में रखा और बाद में उन्होंने घोषणा की कि वे 15 अक्तूबर को बाहरी इलाकों से पीछे हट रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक उस लड़ाई में 289 लोग मारे गए और सैकड़ों लोग घायल हुए ।