नई दिल्ली। टॉक-टू-एके कार्यक्रम को लेकर कथितरूप से बरती गई अनियमितताओं के चलते डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी पर दिल्ली सरकार ने सफाई दी है।
सरकार ने इसे तथ्यहीन मामला बताते इसका पूरी तरह से खंडन किया है। सरकार का कहना है कि कि टॉक-टू-एके पर खर्च की गई रकम का जो आंकड़ा केन्द्रीय जांच एजेंसी द्वारा दिया जा रहा है वो बिल्कुल गलत है।
सरकार का दावा है कि जिस रकम को सीबीआई 1.5 करोड़ बता रही है दरअसल वह 98 लाख है और इसका भी भुगतान अभी तक सरकार द्वारा नहीं किया गया है। अपना पक्ष रखते हुए सरकार ने कहा कि टॉक-टू-एके के लिए अलग से कोई सलाहाकर नियुक्त नहीं किया।
पहले से ही सरकार के पास सूचीबद्ध परफेक्ट रिलेशन पीआर एजेंसी को इस काम की जिम्मेदारी दी गई थी। गत जून महीने में दिल्ली सरकार ने परफेक्ट रिलेशन का टेंडर प्रक्रिया के तहत चयनित कर दिया गया था।
इस कंपनी को सरकार के जनसंपर्क कार्यों के लिए एक साल के लिए सूचीबद्ध किया था। इस टेंडर की कीमत करीब 25 लाख रूपए रखी गई थी। सरकार का कहना है कि परफेक्ट रिलेशन से बाकायदा पूछा गया था कि क्या वह टॉक-टू-एके कार्यक्रम का बेहतर आयोजन कर सकती है, जिसके बाद उन्हें इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई।
सोशल मीडिया पर कार्यक्रम के प्रचार के लिए परफेक्ट रिलेशन ने गूगल एवं फेसबुक से बातचीत की। ये दोनों शोसल मीडिया प्लेटफार्म एडवांस एवं कार्ड के द्वारा भुगतान स्वीकार करते हैं। लेकिन दिल्ली सरकार इस प्रकार के कामों के लिए कोई एडवांस एवं कार्ड से भुगतान नहीं करती।
इसीलिए परफेक्ट रिलेशन ने अपने पास से ही 98 लाख रुपए उक्त कंपनियों को दिए, जिसका भुगतान अभी तक परफेक्ट रिलेशन को नहीं किया गया है।
सरकार ने इस बात का खंडन किया कि टॉक-टू-एके कार्यक्रम को लेकर डिप्टी सीएम एवं सरकार की ओर से किसी प्रकार की अनियमितताएं बरती हैं।
हालांकि तत्कालीन वित्त सचिव ने पीआर कंपनी परफेक्ट रिलेशन को टॉक-टू-एके कार्यक्रम के आयोजन की जिम्मेदारी देने पर आपत्ति जताई थी।
लेकिन सरकार ने वित्त सचिव की आपत्ति को दरकिनार करते हुए इस मामले को कैबिनेट में लाकर इस पर अपनी मुहर लगाई। फिलहाल सरकार तत्कालीन वित्त सचिव की अपत्तियों की जानकारियों का खुलासा करने से बच रही है।
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