चेन्नई। तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव ने विधायकों के बहुमत के आधार पर शशिकला खेमे के ई. पलानीसामी को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में जल्द सरकार बनाने को कह दिया और 15 दिनों के अन्दर विधानसभा में बहुमत साबित करने का निर्देश भी दिया है।
पलानीसामी ने 18 फ़रवरी को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए सत्र बुलाया है। राज्यपाल से सरकार बनाने की अनुमति मिलने के बाद पलानीसामी ने दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता के समाधि स्थल पर जाकर अपनी श्रद्धांजलि भी अर्पित की। बाद में राजभवन में आयोजित शपथग्रहण समारोह में पलानीसामी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री समेत 30 विधायकों को मंत्रीपद की शपथ दिलाई गई।
इससे पूर्व 31 मंत्रियों के शपथ लेने की बात कही गई थी मगर एक विधायक को शपथ नहीं दिलाई जा सकी। उल्लेखनीय है की शशिकला के जेल जाने के बाद बुधवार को राज्यपाल ने दुबारा ई. पलानीसामी को बुलाया था और अन्नाद्रमुक विधायकों का समर्थन का दावा करने को कहा था। अन्नाद्रमुक विधायक दल के नेता पलानीसामी ने अपने खेमे में पार्टी के 134 में से 124 विधायकों के समर्थन की बात कही थी। तमिलनाडु विधानसभा में 234 विधायक हैं।
राज्यपाल ने कार्यकारी मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम को भी दूसरी बार बुलाया था मगर पन्नीरसेल्वम विधायकों की पर्याप्त समर्थन का दावा नहीं कर सके थे मगर दावा किया था कि मौका मिलने पर बहुमत विधानसभा में साबित कर देंगे। संख्याबल के आधार पर पलानीसामी को राज्यपाल ने सरकार बनाए जाने का मौका दे दिया।
राज्यपाल के द्वारा पलानीसामी को सरकार बनाने का न्यौता देने के बाद अन्नाद्रमुक विधायकों ने राज्यपाल के फैसले की प्रशंसा की और शशिकला के समर्थन में नारे लगाए। सीएम ई. पलानीसामी और कैबिनेट मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह के बाद एआईएडीएमके के विधायक फिर से गोल्डन बे रिजॉर्ट लौट आए हैं।
ऐसा समझा जाता है कि विधानसभा में बहुमत साबित करने के बाद ही सभी विधायक रिजॉर्ट से बाहर अपने-अपने घर लौटेंगे। शपथ ग्रहण समारोह के बाद कैबिनेट मंत्री बने सीवी सनमुगम और ओ. पन्नीरसेल्वम के समर्थकों में झड़प हो गई। सरकार बनने के दो घंटे के भीतर ही कैबिनेट मंत्री बने सीवी सनमुगम और ओ. पन्नीरसेल्वम के समर्थकों में झड़प से राज्य में अव्यवस्था का माहौल बन गया है।
दूसरी तरफ, एआईएडीएमके नेता पलानीसामी को सरकार बनाने का मौका मिलने के बाद पन्नीरसेल्वम समर्थक एक काडर ने आत्मदाह करने की कोशिश की। गंभीर हालत में उसे केएमसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है जिसके बाद पन्नीरसेल्वम ने कहा कि अन्नाद्रमुक पार्टी को शशिकला के परिवारवालों के हाथों में नहीं जाने देंगे। इस क्रम में पलानीसामी को शपथ ग्रहण से रोकने के लिए मद्रास हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर की गई है।
मरीना बीच पर जयललिता की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित कर ओ पन्नीरसेल्वम ने कहा कि तमिलनाडु सरकार का शपथ ग्रहण जन विरोधी है। उन्होंने कहा कि हमने अम्मा की समाधि पर शपथ ली है कि लोगों को पार्टी की स्थिति और इससे पार्टी को बाहर लाने के विकल्पों के बारे में बताएंगे। स्थिति से लोगों को अवगत कराने के लिए हम विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में रैली निकालेंगे और प्रचार करेंगे।