झुंझुनू। रसोई गैस सिलेंडर से गैस की चोरी अब आसान नहीं होगी। तेल कंपनियों ने इस समस्या का हल निकाल लिया है। इसके लिए उन्होंने नई टैंपड प्रूफ सील इजाद की है जो छेड़छाड़ पर टूट जाएगी और उपभोक्ता को इससे पता लग जाएगा कि गैस की चोरी हुई है और वे चपत खाने से बच जाएंगे।
शहर में भी नई सील वाले सिलेंडरों की आपूर्ति शुरू हो गई है। सिलेंडरों पर अब तक प्लास्टिक सील लगाई जा रही थी। इसे हटाना, गैस निकालना और वापस लगाना आसान था। गैस एजेंसियों से जुड़े लोगों के मुताबिक सील पर गर्म पानी डालकर ऐसा किया जा रहा था। इससे सील नरम हो जाती थी। सिलेंडर तोलकर नहीं लेने वाले उपभोक्ताओं को इसका पता नहीं चलता था।
बेंगलुरू स्थित एलपीजीए इक्यूपमेंट रिसर्च सेंटर (एलईआरसी) की अभिशंषा पर लागू टैंपड प्रूफ सील में खास तरीके के प्लास्टिक का उपयोग किया गया है। सील पर विशेष प्रकार के होलोग्राम की पट्टी है, जो सिलेंडर के पूरे नोजल को कवर करती है। यह एक बार सिलेंडर पर लग गई तो पूरी तरह फिट हो जाती है।
खोलने की कोशिश करने पर यह सील टूट जाएगी। जो वापस नहीं लगाई जा सकती। ऐसे में चोरी होगी तो उपभोक्ता को टूटी सील से पता चल सकेगा।
तेल कंपनियों के नियमानुसार गैस उपभोक्ताओं को तोल के बाद ही सिलेण्डर देने का नियम है, लेकिन जिले में संचालित गैस एजेंसियों पर इसकी ठीक से पालना नहीं हो रही है। नई सील से काफी हद तक राहत की उम्मीद है।
बावजूद उपभोक्ताओं को चाहिए कि गैस सिलेंडर आपूर्ति के दौरान सील ठीक से जांचें। खाली गैस सिलेंडर का वजन बाहर लिखा होता है। उसमें 14.2 किलो गैस का वजन मिलाकर जांच की जा सकती है।