मुंबई। टाटा उद्योग साम्राज्य की धुरी संस्थान से बाहर का कोई व्यक्ति संभाल सकता है। सूत्रों ने दावा किया कि इस विचार को गति देने के लिए रतन टाटा प्रयासरत हैं।
सायरस मिस्त्री को हटाने के बाद टाटा का वारिस कौन होगा, इस ओर उद्योग घरानों की नजरें लगी हुई हैं।
गौरतलब है कि टाटा समूह के अंतरिम अध्यक्ष बनते हुए रतन टाटा ने सायरस मिस्त्री को उनके पद से हटा दिया था।
उन्होंने घोषणा की थी कि वे कुछेक महीनों तक टाटा समूह के अध्यक्ष रहेंगे और उसके बाद उत्तराधिकारी को नियुक्त कर दिया जाएगा। इसी दृष्टिकोण के चलते मिस्त्री के वारिस की खोज की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि टाटा समूह के तत्कालीन अध्यक्ष जेआरडी टाटा ने समूह के कनिष्ठ अधिकारी/कर्मचारी को उच्च पदों की जवाबदारी का मानस बनाते हुए कार्य किया था।
इस क्षेत्र में रुसी मोदी व अजीत केरकर का उदाहरण दिया जाता है। रुसी मोदी ने कार्यालयीन सहायक के रूप में टाटा उद्योग में काम करना शुरु किया था, बाद में वे टाटा स्टील के अध्यक्ष पद तक पहुंच गए।
अजीत केरकर ने इंडियन होटल्स के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली थी। केरकर ने कैटरिंग मैनेजर के पद से कार्य करना शुरु किया था। दरबारी सेठ और जेजे इरानी को गढने का काम जेआरडी टाटा ने ही किया था।
अब रतन टाटा ने, टाटा समूह के अनुभवी व वरिष्ठ अधिकारियों के बदले कनिष्ठ अधिकारी/कर्मचारी से शुरू कर आगे बढ़े सायरस मिस्त्री जैसे वारिस को ही आयात करने की योजना पर काम करना शुरु किया है।