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तीस्ता के एनजीओ का लाइसेंस 6 माह के लिए निलंबित - Sabguru News
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तीस्ता के एनजीओ का लाइसेंस 6 माह के लिए निलंबित

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तीस्ता के एनजीओ का लाइसेंस 6 माह के लिए निलंबित
teesta setalvad's NGO's licence suspended for six month
teesta setalvad
teesta setalvad’s NGO’s licence suspended for six month

नई दिल्ली। समाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड के एक एनजीओ के खिलाफ ताजा कार्रवाई में गृह मंत्रालय ने उसका पंजीकरण छह माह के लिए गुरुवार को रद्द कर दिया।

आरोप है कि इस संगठन ने विदेशी चंदा विनियमन कानून का उल्लंघन किया। इस प्रकार के उल्लंघन में लाइसेंस रद्द किए जाने का प्रावधान है। गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा कि विदेशी चंदा विनियमन अधिनियम के तहत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए सबरंग ट्रस्ट के पंजीकरण को 180 दिन के लिए निलंबित किया जाता है।

यह आदेश 10 सितंबर 2015 से प्रभावी है। यह ट्रस्ट तीस्ता और उनके पति जवेद आनंद चलाते हैं। आदेश के अनुसार वे चाहते तो इस आदेश के खिलाफ मंत्रालय के समक्ष अपना पक्ष रख सकते हैं। यदि उनकी बात से गृह मंत्रालय संतुष्ट नहीं हुआ तो उनका पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा।

इन दोनों व्यक्तियों द्वारा संचालित एक अन्य एनजीओ सिटिजन फार जस्टिस एंड पीस के खिलाफ एक आदेश पहले ही जारी हो चुका है जिसके तहत उसे विदेशी धन स्वीकार करने या उसका उपयोग करने से पहले गृह मंत्रालय से अनुमति लेनी होगा।

गृह मंत्रालय की सिफारिश पर केंद्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई सबरंग कम्यूनिकेशन एण्ड पब्लिशिंग प्रालि के खिलाफ जांच कर रहा है। यह तीस्ता की एक वाणिज्यिक फर्म है। यह जांच विदेशी चंदा प्राप्त करने और उसके उपयोग में गड़बड़ी के आरोप में है।

तीस्ता ने गोधरा कांड के बाद गुजरात में हुए दंगों के शिकार लोगों के मामलों में उनकी पैरवी की थी। उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। गृहमंत्रालय ने गुरुवार के आदेश में कहा कि सबरंग ट्रस्ट के रिकार्ड देखने से पता लगता है कि तीस्ता और जावेद आनंद इस एनजीओ के मुख्यकर्ताधरता या ट्रस्टी है और दोनों सबरंग कम्यूनिकेशन्स एंड पब्लिशिंग प्रालि के निदेशक, संयुक्त संपादक, मुद्रक और प्रकाशक भी है।

इस फर्म ने कानून का उल्लंघन कर विदेशी स्रोतों से चंदा स्वीकार किया है। सबरंग ट्रस्ट के खातों की जांच करने पर पता चला है कि मंडली को 2010-11 और 2011-12 में क्रमश 48.42 लाख और 49.10 लाख रुपए का अनुदान मिला है। इसमें से उन्होंने प्रशासनिक कार्यों पर 30.97 लाख और 27.07 लाख रुपए खर्च किये। यह राशि क्रमश 64.23 प्रतिशत और 55.14 प्रतिशत बैठती है।