पटना। बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद के परिवार पर मुश्किलों का दौर समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। लालू प्रसाद के बेटे और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव को बीपीसीएल द्वारा दिए गए पेट्रोल पंप का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है।
इसके पहले पटना की एक अदालत ने बीपीसीएल के इस आदेश पर रोक लगा दी थी। बीपीसीएल के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि बीपीसीएल ने 17 जून को तेजप्रताप द्वारा पेट्रेाल पंप के लाइसेंस लेने में गलत जानकारी देने के आरोप में लाइसेंस रद्द कर दिया था।
इसके बाद तेजप्रताप ने इस कार्रवाई पर रोक की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था, जहां स्थानीय अदालत ने बीपीसीएल के आदेश पर रोक लगा दी थी।
लेकिन गुरुवार को अदालत ने इस रोक को हटा दिया। अदालत द्वारा स्थगन के आदेश को वापस लेने के बाद बीपीसीएल ने तेजप्रताप के निर्माणाधाीन पेट्रोल पंप को सील कर दिया।
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उल्लेखनीय है कि बीपीसीएल ने पटना के बेउर के पास न्यू बाइपास रोड के किनारे पेट्रोल पंप के आवंटन के लिए 10 दिसंबर, 2011 को आवेदन मंगवाए थे।
इस पेट्रोल पंप के आवंटन के लिए तेजप्रताप ने भी आवेदन किया था। इस साल 27 फरवरी को तेजप्रताप को पेट्रोल पंप की डीलरशिप भी दे दी गई थी।
इस दौरान भाजपा के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया था कि तेजप्रताप को 2011 में बेउर के पास न्यू बाइपास रोड पर भारत पेट्रोलियम द्वारा आवंटित पेट्रोल पंप के लाइसेंस के लिए फर्जी कागजात तैयार कराए गए।
मोदी ने दावा किया था कि 2011 में पेट्रोल पंप के लिए जब तेजप्रताप एक साक्षात्कार के लिए पेश हुए तब उनके पास न्यू बाइपास रोड पर 43 डिसमिल भूमि नहीं थी। उन्होंने कहा था कि जब जमीन ही नहीं थी, तब लाइसेंस कैसे दे दिया गया।