बीकानेर। गणतंत्र दिवस के मौके पर स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस पहली बार राजपथ पर गर्जन करता दिखाई देगा। इस दौरान राजपथ पर वायु सेना के फ्लाई पास्ट में स्वदेशी लड़ाकू विमान से स्वदेशी ताकत का प्रदर्शन मुख्य आकर्षण होगा।
इन दिनों बीकानेर के नाल एयरपोर्ट से एयरफोर्स के विभिन्न विमान रिहर्सल के लिए उड़ान भर रहे हैं। विमान फ्लाई पास्ट में हिस्सा लेने के लिए बेंगलुरू वायु सैनिक अड्डे से बीकानेर नाल बेस पर लाए गए हैं।
सेना के सूत्रों ने बताया कि राजपथ पर हर वर्ष की तरह फ्लाई पास्ट होगा जिसमें स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस, जो कि सबसे हल्का है, का प्रदर्शन होगा।
इससे पहले 1980 के दशक में भारत निर्मित पहले स्वदेशी लड़ाकू विमान मारूत ने गणतंत्र दिवस परेड के मौके पर फ्लाई पास्ट में अपने जौहर दिखाए थे। इसके बाद मारूत को वायु सेना से विदा कर दिया गया था।
तेजस को एक जुलाई 2015 में भारतीय वायु सेना के बेड़े में शामिल किया गया था। वायुसेना के बेड़े में शामिल करने के बाद तेजस 2000 घंटे में 3000 बार सफल उड़ान पूरी कर चुका है।
सूत्रों ने यह भी बताया कि हिन्दुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड द्वारा बनाया जा रहा तेजस ऑटो पायलट सुविधा के साथ घातक मिसाइलों, बमों और अन्य हथियारों से लैस अत्याधुनिक विमान है।
फ्लाई पास्ट में तीन तेजस विमान नाल वायुसेना के एयरफोर्स स्टेशन से उड़ान भरेंगे और राजपथ पर मुख्य अतिथि को सलामी देते हुए अपनी स्वदेशी तकनीक का प्रदर्शन करेंगे। नाल से राजपथ और वापसी की तेजस की उड़ान को एक घंटे में पूरा किया जाएगा।