हैदराबाद। तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले में 18 महीने की एक बच्ची 180 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई। उसे बचाने के लिए तीन दिन अभियान चलाया गया, लेकिन बच्ची की जान नहीं बचाई जा सकी।
बचाव कर्मियों ने रविवार की सुबह बच्ची का शव निकाला। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में लोग, उसके संबंधी व माता-पिता उसकी जान के लिए प्रार्थना कर रहे थे, लेकिन उनकी उम्मीदों को झटका लगा।
हैदराबाद से 55 किलोमीटर दूर रंगारेड्डी जिले के चेनवेल गांव में चिन्नारी जब अपनी बड़ी बहन और दूसरे बच्चों के साथ खेल रही थी, उसी दौरान 450 फीट गहरे बोरबेल में गिर गई।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के कर्मी, दमकल विभाग, पुलिस व राजस्व विभाग ने इस अभियान में हिस्सा लिया। इसमें शनिवार को तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग (ओएनजीसी) भी शामिल हुआ।
ओएनजीसी ने अपने आधुनिक खुदाई तकनीक का इस्तेमाल किया व कैमरा भी लगाया, लेकिन वह बच्ची को पता करने में असफल रहे।
बचाव अभियान की निगरानी में लगे राज्य के परिवहन मंत्री महेंद्र रेड्डी ने कहा कि बच्ची को बचाने के सभी प्रयास किए गए। बच्ची पहले 40 फीट पर अटकी रही, लेकिन बाद में फिसलकर 180 फीट गहराई में चली गई। दम घुटने से उसकी मौत हो गई। उन्होंने लड़की के परिवार को सभी तरह की मदद का भरोसा दिया।
साइबराबाद के पुलिस आयुक्त संदीप शांडिल्य ने कहा कि जमीन की मालकिन माला रेड्डी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 336 (व्यक्तिगत तौर पर एक व्यक्ति की सुरक्षा या जीवन को खतरे में डालना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। उसने बिना पानी वाले बोरबेल को खुला छोड़ दिया था।
सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों को इस तरह के बोरबेल को ढकने का आदेश दिया है, ताकि इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें।