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भारत से अपना कारोबार समेटने की तैयारी में है टैलीकॉम कम्पनी टैलीनॉर - Sabguru News
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भारत से अपना कारोबार समेटने की तैयारी में है टैलीकॉम कम्पनी टैलीनॉर

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भारत से अपना कारोबार समेटने की तैयारी में है टैलीकॉम कम्पनी टैलीनॉर
telecom company telenor winding up process of its business from India
telecom company telenor
telecom company telenor winding up process of its business from India

मुंबई। टैलीकॉम कम्पनी टैलीनॉर भारत से अपना बिजनेस समेटने पर विचार कर रही है। नार्वे की यह टैलीकॉम कम्पनी भारत में 3जी या 4जी सर्विसेज ऑफर करने की स्थिति में नहीं है, उसके पास डेटा स्पैक्ट्रम सीमित मात्रा में है और कुछ ही इलाकों में उसका बिजनेस सिमट गया है, वहीं प्रतिद्वंद्वी कम्पनियां बड़ी होती जा रही हैं और रिलायंस जियो इंफोकॉम अपना कामकाज शुरू करने वाली है।

इस कम्पनी के पास 7 सर्कल्स में स्पैक्ट्रम है लेकिन भारत के 22 जोन में से केवल 6 में यह ऑपरेट करती है। इसके पास केवल 1800 मैगाहर्टज बैंड में एयरवेव्स हैं। सूत्रों के अनुसार टैलीनॉर अपने इस बिजनेस के लिए 11,000 करोड़ से 12,000 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद कर रही है। हालांकि एक्सपर्टस का मानना है कि इसकी कीमत करीब 6,800 करोड़ रुपए लग सकती है और इसके पास बेचने लायक मुख्य असेट तो स्पैक्ट्रम ही है।

टैलीनॉर के प्रवक्ता ने इस मामले में कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया। दिसम्बर तिमाही में साल दर साल घाटा बढऩे के बाद फरवरी में टैलीनॉर ने माना था कि इसकी भारतीय इकाई का भविष्य ज्यादा स्पैक्ट्रम हासिल करने पर टिका है, चाहे ऐसा ट्रेडिंग के जरिए हो या नीलामी के जरिए। हालांकि इसमें कम्पनी को सफलता नहीं मिल सकी है। इस बीच, कम्पनी ने एक नई तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया, जिससे वाराणसी में स्पैक्ट्रम के कम बैंड पर 4जी एलटीई मोबाइल ब्रॉडबैंड ऑफर किया जा रहा है।

कम्पनी की योजना साल के अंत तक इसे सभी 6 सर्कल्स में ले जाने की है। हालांकि एनालिस्ट्स को इस तकनीक की क्षमता पर संदेह है और उनका कहना है कि कम्पनी ने डेटा मार्कीट में एंट्री करने में देर कर दी। एलटीई को परंपरागत तौर पर 5 मैगाहर्टज के कॉन्टीगुअस स्पैक्ट्रम पर यूज किया जाता रहा है।

इस बीच कम्पनी के लिए चुनौतियां बनी हुई हैं। जानकारी देने वालों में से एक व्यक्ति ने कहा कि अब तक वे कोई भी ट्रेडिंग डील नहीं कर सके हैं। मार्कीट में बिक्री के लिए जो भी स्पैक्ट्रम था, वह बड़ी कम्पनियां खरीद चुकी हैं। मोटी जेब वाली प्रतिद्वंद्वियों के सामने टैलीनॉर को नीलामी में भी दिक्कत होगी। उन्होंने कहा कि भारत में कम्पनी के हाथ से विकल्प निकल चुके हैं।