जयपुर। राजधानी जयपुर में लगे सभी मोबाइल टॉवर निर्धारित दायरे के अंदर ही रेडिएशन का उत्सर्जन कर रहे हैं। दूरसंचार विषेशज्ञ और चिकित्सकों की टीम ने रविवार को टावरों से इलेक्ट्रॉनिक मैग्नेटिक फील्ड्स (ईएमएफ) उत्सर्जन का परीक्षण किया है।
कई मामलों में यह उत्सर्जन भारत में दूरसंचार विभाग द्वारा निर्धारित दायरे से काफी कम पाया गया।
टीम ने वैशाली नगर, मालवीय नगर, गणगौरी बजार और सी-स्कीम पर मोबाइल टावरों की जांच की और इन इलाकों में ईएमएफ उत्सर्जन स्तर का आंकलन किया और इसके परिणाम लोगों और उपस्थित मीडियाकर्मियों के सामने साझा किए।
इनके जांच परिणामों में कहा गया कि सभी टावर सुरक्षित हैं और विकिरण के निम्न स्तरों की पुष्टि करते हैं। दरअसल दूरसंचार विभाग लोगों को विकिरण उत्सर्जन को लेकर फैल रही भ्रांतियों को दूर करने के लिए मुहिम चला रहा है।
टॉवरों के रेडिएशन की जांच इसी मुहिम का हिस्सा है। दूरसंचार विभाग, राजस्थान में डीडीजी-टीईआरएम आरडी आर्य और जयपुर में डीडीजी-टीईआरएम बी के गुप्ता ने कहा मोबाइल टावरों से ईएमएफ उत्सर्जन से जुड़ी भ्रांतियों ने हर दिन जुड़ रहे नए ग्राहकों की तेजी से बढ़ रही मांग को पूरा करने के लिए जरूरी बुनियादी ढांचा विकास की गति को धीमा बना दिया है।
दूरसंचार क्षेत्र हमारे देश में डिजीटल क्रांति को बढ़ावा दे रहा है और इसलिए श्रेश्ठ कनेक्टिविटी समय की मांग है।
ईएमएफ विकिरण पर वैश्विक रूप से विभिन्न पौधों और डब्ल्यूएचओ द्वारा कराए गए अध्ययनों के गहन विश्लेषण के बाद यह निष्कर्ष सामने आया कि यह दावा सही नहीं है कि ईएमएफ उत्सर्जन मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।