जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा है कि राजस्थान आईटी सेक्टर का तेजी से विकास हो रहा है और हम शीघ्र ही डिजिटल इंडिया का सपना साकार करने में दूसरे राज्यों तथा केन्द्र सरकार की मदद करने की स्थिति में आ जाएंगे।
उन्होंने प्रदेश के युवाओं का आह्वान किया कि वे नई तकनीक और कौशल अपनाएं और राजस्थान को देश के मानचित्र पर डिजिटल-स्थान के रूप में स्थापित करें। राजे मंगलवार को बिड़ला आडिटोरियम में राजस्थान आईटी दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रही थीं।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार पारदर्शिता के लिए टेक्नोलॅाजी का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने देश की पहली राज्य स्तरीय आईपी टेलीफोनी हॉटलाइन का शुभारम्भ किया तथा भामाशाह स्टेट डाटा सेंटर की आधारशिला रखी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि सरकारी सेवाओं की डिलीवरी को गति प्रदान करने के लिए जो युवा आईटी से जुडे़ महत्वपूर्ण समस्या समाधान लेकर आएंगे, उनके लिए एक करोड़ रुपये तक के वर्क ऑर्डर सीधे जारी किए जा सकेंगे। उन्होंने डिजिटल राजस्थान प्रदर्शनी को स्थायी संग्रहालय के रूप में स्थापित करने का सुझाव दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल राजस्थान की दिशा में हमने अपने पहले कार्यकाल में राज्यव्यापी ओएफसी नेटवर्क, वाइड एरिया नेटवर्क एवं ई-मित्र का आधारभूत नेटवर्क तैयार करने जैसे नवाचार किए, जिन्हें बाद में देशभर में अपनाया गया।
भामाशाह की शुरूआत भी हमने वर्ष 2007-08 में ही कर दी थी, जो आज वित्तीय समावेशन से आगे जाकर परिवार को एक ही खाते के माध्यम से सीधे लाभ हस्तान्तरण की सबसे बड़ी पहल बन गई है। अब इसे शीघ्र ही भामाशाह एक्ट के माध्यम से कानूनी स्वरूप प्रदान किया जाएगा।
राजे ने कहा कि राजस्थान देश का एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां 290 सेवाएं एक ही प्लेटफार्म के माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही हैं। ये सेवाएं अन्य राज्यों में दी जा रही सेवाओं से तीन गुना अधिक हैं। हमने 40 हजार ई-मित्र केन्द्र स्थापित कर दिए हैं।
यह संख्या डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत तय किए गए पूरे देश के लक्ष्य से 15 प्रतिशत अधिक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान स्मार्ट स्ट्रीट लाइट, कचरा प्रबंधन, स्मार्ट यातायात, अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था के लिए एकीकृत कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेंटर ई-पीडीएस, वाहनों की जीपीएस से निगरानी और एकीकृत पेमेंट गेट-वे के विकास में देश का अग्रणी राज्य है।