जयपुर। हिन्दुत्व और गोरक्षा के मुददे पर अप्रत्याशित बहुमत लेकर आई प्रदेश की भाजपा सरकार को आखिर अपने पशु वधगृह खोलने के मुददे पर जबरदस्त विरोध के बाद पीछे हटना पडा।
स्वायत्तशासन विभाग ने प्रदेश में 26 अतिआधुनिक पशुवध गृह खोलने के लिए डीपीआर बनाने के लिए आमंत्रित की गई निविदा को निरस्त कर दिया है।
स्वायत्त शासन विभाग ने इसी महीने के पहले पखवाडे में प्रदेश के 26 स्थानों पर अतिआधुनिक पशुवधगृह खोलने के लिये डिटेल प्रोजेक्ट रेपोर्ट तैयार करने की निविद निकाली थी। इसकी सूचना बाहर आने के बाद प्रदेश और प्रदेश के बाहर रहने वाले प्रवासियों और हिन्दुवादी संगठनों ने इसका जबरदस्त विरोध किया। इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर तो मुख्यमंत्री और प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा देखा गया। इसके बाद सरकार को प्रदेश में पशुवधगृह खोलने के अपने इस निर्णय को वापस लेना पडा।
कांग्रेस में विरोध सत्ता पर आने पर सहमति
जिस भाजपा ने अपने शासनकाल में प्रदेश में 26 स्लाटर हाउस बनाने का निर्णय किया, उसी ने कांग्रेस पर 27 फरवरी, 2013 को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान स्लाटर हाउस और गोधन का ध्यान नहीं रखने के विरोध में गो-हत्यारा होने का आरोप लगा दिया था। वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र राठोड ने तो बाकायदा विधानसभा में स्लाॅटर हाउस और गो-तस्करी पर अपनी स्पीच तक दी थी। वर्तमान में भाजपा के कई विधायक, जो पिछली सरकार में भी विधायक थे, ने विधानसभा के वेल में जाकर विरोध जताया था।
कमाई का लालच तो नहीं
रिपोर्टों के अनुसार माने तो भारत ब्राजील के बाद विश्व का सबसे बडा बीफ निर्यातक देश है। अमेरिका इसका सबसे बडा आयातक। अभी भी बीफ, यानि भैंसों और गोवंश के मांस की मांग विदेशों में जबरदस्त है। राजस्थान सरकार के 26 स्लाॅटर हाउस खोलने के निर्णय के पीछे प्रदेश के इस बाजार में हिस्सेदारी की मंशा की आशंका भी जताई जा रही है।