श्रीनगर/नई दिल्ली। एनआईटी श्रीनगर में पड़ने वाले बाहर के छात्रों की पुलिस द्वारा पिटाई का मुद्दा गंभीर होता जा रहा है। कैंपस में तनाव का माहौल है और छात्र एनआईटी डायरेक्टर और रजिस्ट्रार समेत तीन अधिकारियों को हटाए जाने की मांग पर अड़े हैं।
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने छात्रों की सुरक्षा के मसले पर राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से भी बात की है। ईरानी 13 अप्रेल को श्रीनगर जाएंगी।
कश्मीरी बनाम बाहरी छात्रों का विवाद क्रिकेट मैच से शुरु हुआ था। सेमीफाइनल में भारत की हार के बाद कश्मीरी छात्र भारत की हार पर जश्न मना रहे थे जिसका बाहरी छात्रों विरोध किया।
मंगलवार को बाहरी छात्र तिरंगे के साथ कैंपस के बाहर जाकर प्रदर्शन करना चाह रहे थे जिन्हें रोकने के लिए स्थानीय पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाईं।
छात्रों की मांग है कि लाठीचार्ज में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और कैंपस के अंदर केंद्रीय रिजर्व पुलिस तैनात किए जाएं।
छात्रों की यह भी मांग है कि उन्हें शिक्षकों की ओर से दी जाने वाली प्रताड़ना से बचाया जाए और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल शिक्षकों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
हंगामे के बाद एनआईटी श्रीनगर में कक्षा फिर से शुरू हो गई हैं, लेकिन ज़्यादातर बाहरी छात्रों ने इनका बहिष्कार किया है। एनआईटी श्रीनगर के छात्रों और उनके अभिभावकों ने जम्मू में प्रेस क्लब के बाहर प्रदर्शन किया।
छात्रों का कहना है कि उन्हें फेल करने की धमकी मिल रही है। इसके अलावा अभाविप गुरुवार को जम्मू यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन करेगी। शिवसेना, पैंथर पार्टी, श्रीराम सेना ने बंद का ऐलान किया है।
कश्मीरी और बाहरी छात्रों के बीच तनाव को देखते हुए एनआईटी कैंपस के भीतर और बाहर सीआरपीएफ की टुकड़ी तैनात की गई है।
जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह का कहना है कि दोषी पाए गए पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। वहीं शिक्षा मंत्री नईम अख्तर ने कहा कि छात्रों को पूरी मदद दी जाएगी।
एनआईटी श्रीनगर में लगभग 70 फीसदी छात्र दूसरे राज्यों के हैं उनका कहना है कि यहां उनकी जान को खतरा है और वो कैंपस छोड़कर जाना चाहते हैं।