चंडीगढ़। इंडोनेशिया में ड्रग्स तस्करी में पकड़ाए भारतीय की मौत की सजा को शुक्रवार सुबह ऐन वक्त पर रोक दिया गया। विदेश मंत्री के लगातार हस्तक्षेप के बाद गुरदीप सिंह को मौत की सजा फिलहाल टल गई।
इसके बाद उसने अपने घर फोन कर कहा कि तेरा गुरदीप बच गया। हालांकि, इंडोनेशिया सरकार ने अभी माफी नहीं दी है। गुरदीप समेत ड्रग्स केस के 10 अन्य दोषियों को मौत की सजा कब दी जाएगी अभी इसका एलान नहीं हुआ है।
गुरदीप ने शुक्रवार सुबह अपने घर फोन किया। पत्नी ने फोन उठाया। गुरदीप ने तुरंत कहा तेरा गुरदीप बच गया। चमत्कार हो गया। मुझे ले गए थे शूट करने के लिए लेकिन 5-7 मिनट में पता नहीं क्या हो गया। मुझे वापस बुला लिया। कहा अभी शूट नहीं करेंगे। भारत सरकार ने मेरा बहुत साथ दिया।
बता दें कि इससे पहले पंजाब के नकोदर के रहने वाले गुरदीप सिंह ने अपनी फैमिली को फोन पर कहा था कि मेरी लाश आएगी। दिल मजबूत रखना। शुक्रवार तड़के इन्हें सजा देने की तैयारी कर ली गई थी।
मिलिट्री पुलिस और नेशनल पुलिस मोबाइल ब्रिगेड के 1500 जवान तैनात किए गए। गोली मारने से पहले वहां 17 एंबुलेंस को तैनात किया गया था। 14 एंबुलेंस में ताबूत थे जिनमें आरोपियों को मौत की सजा के बाद ले जाना था।
देर रात दो बजे तक नुसाकंबंगन जेल में एक इंडोनेशियाई और तीन नाइजीरियन को गोली मारकर मौत की सजा दे दी गई। वहीं, गुरदीप सहित 10 अन्य दोषियों की सजा रोक दी गई।डिप्टी अटॉर्नी जनरल फॉर क्राइम नूर रामचंद के मुताबिक सभी को फायरिंग स्कवॉड ने गोली मारी।
हालांकि, रामचंद ने गुरदीप समेत बाकी 10 ड्रग अपराधियों की सजा के बारे में कुछ नहीं कहा। उन्होंने कहा कि अब अगले चार लोगों को मौत की सजा दी जाएगी। इन चार लोगों में क्या गुरदीप भी शामिल है यह साफ़ नहीं हो पाया है।